बाल सुरक्षा के लिए रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर स्थापित होंगे चाइल्ड हेल्प डेस्क

बाल सुरक्षा के लिए रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर स्थापित होंगे चाइल्ड हेल्प डेस्क

दुर्ग। जिला कार्यालय स्थित सभाकक्ष में कलेक्टर अभिजीत सिंह ने महिला एवं बाल विकास विभाग की बैठक लेकर जिले में बाल संरक्षण से जुड़ी गतिविधियों की गहन समीक्षा की। बैठक में बाल देखरेख संस्थाएं, किशोर न्याय व्यवस्था, चाइल्ड हेल्पलाइन, बाल विवाह की स्थिति और सखी वन स्टॉप सेंटर की कार्यप्रणाली पर विस्तृत चर्चा की गई।

बाल विवाह मुक्त जिला बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2025-26 में 40 प्रतिशत का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिले में अब तक कोई बाल विवाह का मामला दर्ज नहीं हुआ है, जिस पर कलेक्टर ने सावधानीपूर्वक निगरानी बनाए रखने और ठोस कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। किशोर न्याय बोर्ड में 237 और बाल कल्याण समिति में 118 प्रकरण लंबित हैं। कलेक्टर ने इन मामलों का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा।

चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर पिछले तीन महीनों में प्राप्त 42 कॉल्स में से 13 मामलों को रजिस्टर्ड किया गया। कलेक्टर ने सभी संबंधित समितियों को निर्देशित किया कि ऐसे मामलों में त्वरित और संवेदनशील कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। कलेक्टर ने किशोर न्याय बोर्ड में स्थापित वीसी (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग) सेट को शीघ्र बाल सम्प्रेक्षण गृह में स्थानांतरण करने को कहा, ताकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा जल्द उपलब्ध हो सके और बालकों को कोर्ट पेशी के लिए अन्य जिलों में भेजने की जरूरत न पड़े और कार्यवाही ऑनलाइन ही पूरी की जा सके। शासन के निर्देशानुसार जिले के रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर चाइल्ड हेल्प डेस्क की स्थापना की जानी है। इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए कलेक्टर ने दोनों स्थानों पर उपयुक्त स्थल चिन्हित कर जल्द से जल्द डेस्क शुरू करने के निर्देश दिए। नाबालिग बच्चों में बढ़ती नशा प्रवृत्ति पर चिंता जताते हुए कलेक्टर ने नशामुक्ति केंद्र की स्थापना हेतु संचालनालय को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए।

बैठक में महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री जाम्बुलकर ने बताया कि जिले में संचालित शासकीय और अशासकीय बालगृहों, विशेष गृहों, दत्तक ग्रहण एजेंसी एवं आश्रय गृहों में कुल 108 बालक-बालिकाएं निवासरत हैं। कलेक्टर ने इन संस्थाओं की कार्यप्रणाली पर संतोष व्यक्त करते हुए 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके बच्चों को मुख्यमंत्री बाल उदय योजना का लाभ दिलाने के लिए सक्रियता बढ़ाने को कहा। जिले में इस योजना के तहत शेख शहबाज अंसारी को लाभान्वित किया गया है। समीक्षा के दौरान सखी वन स्टॉप सेंटर की भी प्रगति पर चर्चा हुई। कलेक्टर ने मानसिक रूप से विक्षिप्त महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें ग्राम संेदरी मानसिक चिकित्सालय भिजवाने के निर्देश दिए। कलेक्टर अभिजीत सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाल एवं महिला कल्याण से जुड़े कार्यों में किसी प्रकार की लापरवाही न हो और प्रत्येक स्तर पर जिम्मेदारी से कार्य किया जाए। बैठक में अपर कलेक्टर श्रीमती योगिता देवांगन, नगर निगम दुर्ग कमिश्नर सुमित अग्रवाल, परियोजना समन्वयक चंद्रप्रकाश पटेल, एएसपी श्रीमती पदमश्री तवर सहित जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष उपस्थित थे।