गिरफ्तारी के बाद आरोपी क्यों हो रहे दोषमुक्त ? दुर्ग IG श्री गर्ग ने ली अधिकारियों की बैठक
भिलाई। गिरफ्तारी के बाद अक्सर आरोपी जेल से छुट जाते हैं। इसके विश्लेषण के लिए पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज श्री रामगोपाल गर्ग (भा.पु.से.) ने अधिकारियों की बैठक ली।
शुक्रवार को पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज रामगोपाल गर्ग (भा.पु.से.) ने दोष मुक्ति प्रकरणों के संबंध में उप संचालक अभियोजन एवं लोक अभियोजन अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक ली। विवेचना में होने वाली त्रुटियों को रोकने और एनडीपीएस मामलों में होने वाली कमियों को पूरा करने संबंधी निर्देश दिए। पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज रामगोपाल गर्ग (भा.पु.से.) ने कार्यालय के सभागार कक्ष में उप संचालक अभियोजन एवं लोक अभियोजक अधिकारियों के साथ दोष मुक्ति प्रकरणों की समीक्षा बैठक की। बैठक में दुर्ग रेंज के सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक के दौरान न्यायालय में प्रस्तुत प्रकरणों में आरोपियों के दोषमुक्त होने के कारणों का विश्लेषण किया गया। विवेचना में त्रुटियों को दूर करने, भौतिक साक्ष्य सावधानीपूर्वक एकत्र करने और प्रार्थी व गवाहों को उनके बयान पर कायम रखने हेतु आवश्यक कदम उठाने पर विशेष जोर दिया गया। एनडीपीएस प्रकरणों की विवेचना को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने पर चर्चा हुई। बैठक में अभियोजन की गुणवत्ता को सुधारने और न्यायालय में आरोपियों को दोष सिद्ध करने के लिए ठोस उपायों पर महत्वपूर्ण चर्चा की गई। अभियोजन अधिकारियों ने विवेचकों को महत्वपूर्ण सुझाव दिए, जिससे प्रकरणों में दोषमुक्ति की संभावना को न्यूनतम किया जा सके।
बैठक में उप संचालक बालोद प्रेमेंद्र बैसवाड़े, उप संचालक बेमेतरा श्रीमती कंचन पाटिल, लोक अभियोजक दुर्ग सुनील कुमार चौरसिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बेमेतरा श्रीमती ज्योति सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दुर्ग श्रीमती पदमश्री तंवर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालोद अशोक जोशी, डीएसपी श्रीमती शिल्पा साहू, उप निरीक्षक राज कुमार प्रधान, सहायक उप निरीक्षक हेमंत त्रिपाठी, डाटा एंट्री ऑपरेटर श्रीमती तेजस्वी गौतम एवं पुलिस पीआरओ प्रशांत कुमार शुक्ला शामिल हुए।