भिलाई। नारी शक्ति द्वारा संचालित विश्व की सबसे बड़ी अंतराष्ट्रीय संस्था प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के सदस्य 18 जनवरी को अपने संस्थापक पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की 54 वीं पुण्यतिथि को विश्व शान्ति दिवस के रूप में मनाएंगे। विश्व के पांचों महाद्वीपों में 137 देशों में विस्तारित 8500 (साढ़े आठ हजार) से भी अधिक सेवाकेन्द्रों में इस अलौकिक संस्थान के सदस्य कल सारा दिन आत्म चिन्तन तथा राजयोग मेडिटेशन के अभ्यास द्वारा समग्र विश्व में शान्ति के प्रकम्पन फैलायेंगे। यह कार्यक्रम पूरे विश्व में एक साथ और एक ही समय पर आयोजित किए जाएंगे।
भिलाई, दुर्ग, छतीसगढ़ सहित पूरे विश्व के सेवाकेन्द्रो में ब्रह्मा बाबा की पुण्यतिथि विश्व शांति दिवस के रूप में मनाई जाएगी। अमृतवेले ब्रह्ममुहूर्त से ही सभी ब्रह्मावत्स मौन में रहेंगे। इसके पश्चात ब्रह्माबाबा को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी, एवं परमात्मा को भोग स्वीकार कराया जाएगा। संस्था के अंतराष्ट्रीय मुख्यालय माउण्ट आबू में भी व्यापक स्तर पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें भाग लेने के लिए विभिन्न देशों से लोग माउण्ट आबू में पहुँचे हैं।
ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार पिताश्री ब्रह्मा बाबा ने संस्था की बागडोर माताओं और कन्याओं का ट्रस्ट बनाकर उन्हें सारी ज़िम्मेवारी सौंपकर 18 जनवरी 1969 को सम्पूर्ण अवस्था को प्राप्त कर पार्थिव देह का कलेवर त्यागा था। इसलिए यह दिवस समग्र मानव जाति के लिए दिव्यता सम्पन्न जीवन बनाने का सन्देश लेकर आता है।
विश्व में शान्ति और सद्भावना के लिए कार्यरत ब्रह्माकुमारी संगठन ने आज सारे संसार में अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा सारे विश्व में की जा रही उल्लेखनीय सेवाओं को देखते हुए इसे यूनिसेफ तथा आर्थिक एवं सामाजिक परिषद में सलाहकार का दर्जा प्रदान किया है। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 1981 में विश्व शान्ति दूत पदक प्रदान कर भी सम्मानित किया है।