इस अस्पताल के संचालक पर कार्रवाई की मांग, मरिज के परिजनों और सामाजिक कार्यकर्ता पर सुपेला थाने में दर्ज कराई थी झूठी रिपोर्ट, न्यायालय ने किया दोषमुक्त

इस अस्पताल के संचालक पर कार्रवाई की मांग, मरिज के परिजनों और सामाजिक कार्यकर्ता पर सुपेला थाने में दर्ज कराई थी झूठी रिपोर्ट, न्यायालय ने किया दोषमुक्त

भिलाई। सुपेला स्थित गुरुनाथ अस्पताल के संचालक व स्टाफ द्वारा मरीज के परिजन व सामाजिक कार्यकर्ताओं पर सुपेला थाना में झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। करीब 8 साल चली सुनवाई के बाद  न्यायालय ने सभी को दोषमुक्त कर दिया। पत्रकारवार्ता में बुधवार को मरीज रंजीता दास और सामाजिक कार्यकर्ता मेहरबान सिंग ने इसका खुलासा किया। पीड़ितों ने बताया कि गुरुनाथ अस्पताल  संचालक डॉ. के. गुरुनाथ पर कार्रवाई और अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने कलेक्टर व मुख्य चिकिस्ता एवं स्वास्थ्य अधिकारी दुर्ग को ज्ञापन सौंपा गया है। अब पीड़ितों का कहना है कि न्यायालय से दोषमुक्त होने के बाद भी उन्हें मानसिक, सामाजिक और आर्थिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी। उनका सवाल साफ है कि अगर मामला झूठा था, तो जिम्मेदार डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई क्यों न हो। इसी मांग को लेकर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से सख्त कदम उठाने की अपील की गई है।

सामाजिक कार्यकर्ता मेहरबान सिंग ने बताया कि भिलाई सेक्टर-10 शंकरा स्कूल की स्पोर्टस टीचर रजींता दास को चेस्ट में पेन होने पर उनके परिचित डॉ. गुरूनाथ के पास उपचार के लिए गई थी। डॉ. गुरूनाथ ने रंजीता दास को ब्लाकेज का प्राब्लम बताकर स्टैंड लगाने की बात कही। इस दौरान मरीज के परिजनों को बताया गया कि स्टैंड की गारंटी है। अगर उसमें समस्या आती है इलाज का पैसा स्टैंड कपनी वहन करेगी। रंजीता दास ने डॉ गुरूनाथ से इलाज के तहत स्टैंड लगवाया लेकिन मरीज को चेस्ट में लगातार दर्द हो रहा था। मरीज ने रायपुर के एमएमआई अस्पताल में संपर्क किया। वहां सिटी स्कैन में यह बात सामने आई कि मरीज के सीने में जो स्टैंड लगाया गया था वह 90 फीसदी तक ब्लाक हो चुका है और कभी भी हार्ट अटैक आ सकता है। इस पर विगत 28 मार्च 2027 को मरीज रंजीता दास का बेटा सौरभ दास, बेटी बरनाली दास, शुभम विश्वास, सोनिया गजभिये और मेहरबान सिंग डॉ. के. गुरूनाथ से चर्चा करने उनके अस्पताल पहुंचे।

इस दौरान डॉ. के. गुरूनाथ ने सीने में लगाए गए स्टैंड की गारटी से इंकार कर दिया। चर्चा के बाद सभी लोग अस्पताल से बाहर निकले तो देखा कि सुपेला थाना प्रभारी दिलीप सिग सिसोदिया खड़े थे। उन्होंने मरीज के पुत्र सौरभ से काफी देर बात की फिर सब अपने अपने घर चले गए। कुछ दिन बाद पता चला कि 28 मार्च 2017 को डॉ. गुरुनाथ से स्टैंड की गारंटी पर बात करने के विषय पर सुपेला थाना में सौरभ कुमार दास, सौरभ की बहन बरनाली दास, रिश्तेदार शुभम विश्वास और मेहरबान सिंह के खिलाफ आईपीसी 294, 34, 341 और 506 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। डॉ. गुरूनाथ ने स्टाफ लैब टक्नेशियन हरिहर प्रसाद तिवारी के माध्यम से थाना सुपेला में जान से मारने की धमकी, गाली गलौच करने,  अस्पताल में तोडफोड करने आदि का झूठा मामला दर्ज कराया गया था।  डॉ. गुरूनाथ ने खुद झूठा बयान देते हुए घटना को सही साबित करने के लिए धर्मेन्द सिंह नामक व्यक्ति को झुठा गवाह तैयार किया। अस्पताल के सीसीटीवी का फुटेज थाना प्रभारी  ने नहीं लिया क्योंकि ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं थी।  मेहरबान सिंग ने बताया कि अस्पताल परिसर में घुसने और बाहर आने तक वे अपना हिडन कैमरा चालु कर रखा था जो इस मामले में सभी को निर्दोश साबित करने के लिए अहम मुख्य साक्ष्य बना। न्यायालय ने 6 जून 2025 को सभी आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया।