भिलाई के इस तालाब में सैकड़ों मछलियों की मौत, स्थानीय लोगों ने निगम पर लगाया आरोप

भिलाई के इस तालाब में सैकड़ों मछलियों की मौत, स्थानीय लोगों ने निगम पर लगाया आरोप

भिलाई। नगर निगम भिलाई के वार्ड 7 राधिका नगर स्थित दाऊ बाड़ा तालाब में बीते तीन दिनों से मछलियों की मौत का सिलसिला जारी है। तालाब में अब तक करीब 10 किलो से ज्यादा मछलियां मृत मिली हैं। स्थानीय लोगों ने मरी हुई मछलियों को बाहर निकाला, लेकिन अब भी कई मछलियां तालाब में तैर रही हैं, जिससे आसपास बदबू फैल गई है। नगर निगम के हेल्पलाइन नंबर पर भी लोगों ने कॉल किया था, लेकिन किसी ने रिसीव नहीं किया। फिलहाल यह जांच का विषय है कि मछलियों की मौत तालाब में डाली गई दवाइयों से हुई या पानी में प्रदूषण बढ़ने से। वहीं निगम की अधिकारियों का कहना है कि पानी में ऑक्सीजन की कमी के कारण मछली की मौत हुई है।

भिलाई वार्ड 7 राधिका नगर स्थित दाऊ बाड़ा तालाब में पिछले तीन दिनों में कई मछलिया मरी पाई गई। तालाब के पानी में चारों और मरी हुई मछलिया तैरती नजर आ रही है। सामाजिक संस्था हम साथ साथ है सदस्य और स्थानिय नागिरक डॉ. बी लक्ष्मीनारायण और नितिन कुमार ने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है। वे लोग रोज मछलियों सहित तालाब परिसर में लगे पेड़ों की देखरेख करते हैं। छट पूजा के बाद तालाब के साफ सफाई के बाद निगम कर्मचारियों ने कुछ दबाईयां डाली थी। इसके बाद से ही मछलियों के मरने का सिलसिला शुरू हुआ। पिछले तीन दिनों में करीब 10 किलो मरी हुई मछली तालाब से निकाला गया। वहीं अब भी ढेरों मरी हुई मछली तालाब में तैर रही है। मछली मरने के कारण आसपास बदबू फैल गया है। स्थानीय लोगों ने निगम प्रशासन से मांग की है कि तालाब के पानी की जांच कराई जाए और जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो।  नगर निगम भिलाई के स्वास्थ्य अधिकारी जावेद अली के अनुसार कई तालाबों में पानी सफाई के लिए ई-बॉल का छिड़काव किया गया था। सिर्फ वार्ड 7 स्थित दाऊ बाड़ा तलाब में मछली मरने की बात सामने आई है। ई-बॉल छिड़काव से मछलियों की मौत नहीं हुई है। कभी-कभी पानी में ऑक्सीजन की कमी के कारण भी मछली की मौत होती है और यहां भी यही कारण होगी मछलियों के मरने की।

तालाबों का पानी साफ करने ई-बॉल का छिड़कांव
उल्लेखनीय है कि छट पर्व के दौरान तालाबों के पानी साफ करने ई-बॉल का छिड़काव किया गया था। निगम के अधिकारी के अनुसार ई-बॉल 14 प्रकार के लाभदायक बैक्टीरिया फंगस एवं चुना कैल्शियम कार्बोनेट पाउडर का मिश्रण होता है। प्रत्येक ई-बॉल 10 से 12 ग्राम का होता है। प्रत्येक गोली में मौजूद सूक्ष्मजीव 12 घंटे में ही पानी में घुल जाते हैं और 48 घंटे में प्रभाव दिखने लगता है। पानी में सड़न और प्रदूषण के कारण बनने वाले सूक्ष्मजीव नष्ट होने लगते हैं। ई-बॉल के सूक्ष्मजीवों के लिए कार्बन और नाइट्रोजन युक्त गंदगी ही भोजन बन जाती है, यह ई-बॉल पानी के पीएच पोटैशियम हाइड्रोजनी, टीडीएस, बीओडी, और और सीओडी के स्तर में सुधार कर पानी की गुणवत्ता को ठीक करते हैं, यह इको फ्रेंडली है इससे जलीय जीव- जंतुओं और पौधों को भी कोई नुकसान नहीं होता। 15 फीट गहराई वाले 1 एकड़ तालाब के लिए 120 गोली पर्याप्त है। इसका उपयोग नगर पालिक निगम अंबिकापुर, रायपुर एवं अन्य राज्यों में जैसे महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश किया जा चुका है। इसी तर्ज पर भिलाई के तालाबों में भी आयुक्त के निर्देश पर ई-बॉल का छिड़काव किया गया। 
भिलाई के इन तालाबों में डाली गई ई-बॉल
 सेक्टर 7 तालाब, सेक्टर 2 तालाब, खुर्शीपार बाबू नगर, खुर्सीपार सूर्यकुण्ड, खुर्सीपार दर्री तालाब, खुर्सीपार बाबा बालक, बैकुंठधाम कैंप 1 तालाब, हाऊसिंग बोर्ड सूर्यकुण्ड तालाब, कैंप 1 मुक्तिधाम तालाब, कुरूद नकटा तालाब, सुपेला शीतला माता तालाब, वार्ड 2 स्मृति नगर तालाब, वार्ड 4 भेलवा तालाब, वार्ड 6 संजय नगर तालाब, वार्ड 7 आमा तालाब, वार्ड 7 दाऊबाड़ा तालाब, वार्ड 11 लिम्हा तालाब, वार्ड 13 भेलवा तालाब की पानी सफाई के लिए 100-100 ई-बॉल का छिड़काव किया गया था।