घायल बदमाश का रिपोर्ट दर्ज नहीं करना पुलिस कर्मियों को पड़ा भारी, थाना प्रभारी सहित 6 लाइन अटैच
बिलासपुर। आदतन बदमाश मारपीट में घायल हो गया था। इसकी रिपोर्ट थाने में दर्ज करवाने पहुंचा था, लेकिन झूठी शिकायत की आशंका पर थाना स्टाफ ने घायल बदमाश की रिपोर्ट नहीं लिखी. इस पर गाली–गलौज करते हुए फोन करवाने की भी धौंस दिखाया। मामले में पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने रतनपुर थाना प्रभारी समेत आधा दर्जन स्टाफ को लाइन अटैच कर दिया है।
जानकारी के अनुसार विक्की उर्फ विकास रावत का नाम रतनपुर थाने के गुंडा सूची में शामिल है। उसके खिलाफ थाने में कई अपराध दर्ज हैं. रविवार की रात वह अचानक रतनपुर थाना पहुंचा और कुछ लोगों पर शराब भट्टी के पास मारपीट करने का आरोप लगाते हुए अपराध दर्ज कराने की बात कहने लगा. आरोपी ने बताया कि मारपीट में उसके कंधे में चोट है और हाथ से भी खून बह रहा है।
इस दौरान पुलिसकर्मियों ने पहले घटना की तस्दीक करने और घटना सही पाए जाने पर अपराध दर्ज करने की बात कही, तो विक्की रावत तत्काल अपराध दर्ज करने की बात कहते हुए थाने में हंगामा मचाते हुए गाली-गलौज कर थाना प्रभारी को फोन लगवाने की धौंस देने लगा। बदमाश युवक थाने में हंगामा करता रहा और पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने रहे. फिर उसे अस्पताल में भर्ती कराया. एसपी रजनेश सिंह ने मामले में संज्ञान लिया। घटना पर नाराजगी जाहिर करते हुए रतनपुर थाना प्रभारी रजनीश सिंह, आरक्षक नंदकुमार यादव, अजय भारद्वाज, घनश्याम राठौर, दुर्गेश प्रजापति, राकेश आनंद को लाइन अटैच कर दिया है।