दुर्ग जिले के इस गौठान में भूख-प्यास से 13 से अधिक गायों की मौत, कुछ मवेशी कंकाल में तब्दील, सरपंच ने फसल बनाने 40 मवेशियों को किया था गौठान में बंद

दुर्ग जिले के इस गौठान में भूख-प्यास से 13 से अधिक गायों की मौत, कुछ मवेशी कंकाल में तब्दील, सरपंच ने फसल बनाने 40 मवेशियों को किया था गौठान में बंद

दुर्ग। दुर्ग जिले के गौठान में भूख-प्यास से 13 से अधिक गायों की मौत का मामला सामने आया है। वहीं कुछ तो कंकाल में तब्दील हो गईं। सरपंच पर आरोप है कि उन्होंने फसल बचाने के लिए 15 दिन पहले करीब 40 आवारा मवेशियों को गौठान में बंद कर दिया था और चारा पानी नहीं दिया गया। मामला नंदिनी थाना क्षेत्र के अहिरवारा के गोढ़ी गांव का है। गांव के लोगों को गौठान में सड़ रहे मवेशियों की बदबू आने लगी, तब इसका खुलासा हुआ। मामले को दबाने के लिए सरपंच ने आनन-फानन में मवेशियों के शव और उनके कंकालों को ट्रैक्टर में भरकर दूसरी जगह फेंक दिया। इसी बीच पशु विभाग की टीम वहां पहुंच गई। उन्होंने कुछ मवेशियों को अपने कब्जे में लेकर उनका पोस्टमॉर्टम कराया।

जानकारी के अनुसार  घटना की सूचना मिलते ही गोसेवकों ने हंगामा करते हुए FIR दर्ज कर सरपंच पर एक्शन लेने की मांग की है। वहीं, जनपद सीईओ ने मवेशियों का पीएम कराया है। 

गोढ़ी गांव के पंच पति डोमर सिंह पाल ने मवेशियों की मौत के लिए सरपंच गोपी साहू को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि, सरपंच ने किसानों की फसल को चरने से बचाने के लिए एक समिति बनाई थी। उस समिति में उन्होंने अपने लोगों को शामिल किया था। सरपंच ने किसानों से वादा किया था कि समिति सभी की मदद लेगी और आवारा मवेशियों के लिए चारा-पानी की व्यवस्था करेगी।