नोट छापने के ठेके में हुआ था 1688 करोड़ का घोटाला

गहलोत के सलाहकार के ठिकानों पर सीबीआई के छापे

नोट छापने के ठेके में हुआ था 1688 करोड़ का घोटाला

जयपुर (एजेंसी)। राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार अरविंद मायाराम के ठिकाने पर गुरुवार को सीबीआई ने छापे मारे हैं। सीबीआई टीमों की ये छापेमारी दिल्ली और जयपुर में की गई है। सीबीआई ने अरविंद मायाराम पर मनमोहन सरकार में केंद्रीय वित्त सचिव रहते हुए नोट छापने के टेंडर में घोटाले का केस दर्ज किया था। 1688 करोड़ रुपए के करेंसी प्रिटिंग घोटाला का आरोप लगा था। उइक ने घोटाले के मामले में अरविंद मायाराम के ठिकाने से कई डॉक्यूमेंट भी जब्त किए हैं। सूत्रों के मुताबिक 2017 में इस घोटाले की शिकायत की गई थी।

ब्लैकलिस्टेड कंपनी को दिया ठेका
दरअसल, यह मामला करेंसी छापने के लिए मटेरियल सप्लाई करने वाली एक ब्लैकलिस्टेड ब्रिटिश कंपनी से जुड़ा है। कंपनी को मटेरियल की क्वालिटी घटिया होने के चलते वर्ष 2011 में ही ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था। इसके बावजूद अरविंद मायाराम के फाइनेंस सेक्रेटरी रहते हुए बिना टेंडर प्रोसेस के कंपनी को तीन साल का एक्सटेंशन देकर नोट छापने में इस्तेमाल होने वाला कलरफुल धागा खरीदने का आॅर्डर जारी हुआ था। बताया जाता है यह आॅर्डर करीब 1688 करोड़ का था।यह खरीद 2012 में हुई जबकि कंपनी पहले से ब्लैकलिस्टेड थी। बताया जाता है कि इस कंपनी के भारतीय प्रतिनिधि का नाम पनामा पेपर लीक से भी जुड़ा था। इस मामले में अरविंद मायाराम को केन्द्र सरकार ने 2017 में नोटिस भेजा था।

केन्द्र में मोदी सरकार आते ही तबादला
16 अक्टूबर 2014 में मोदी सरकार ने जब ब्यूरोक्रेसी में पहला बड़ा बदलाव किया तो उस लिस्ट में अरविंद मायाराम का नाम भी था। उन्हें फाइनेंस से हटाकर टूरिज्म मिनिस्ट्री में भेज दिया गया। मायाराम ने इस पोस्ट पर जॉइन भी नहीं किया था कि महज 15 दिन बाद 30 अक्टूबर को उनका तबादला माइनॉरिटी डिपाटर्मेंट में कर दिया गया।

गहलोत के खास हैं अरविंद मायाराम
अरविंद मायाराम यूपीए सरकार में वित्त सचिव रह चुके हैं। गहलोत के करीबी अफसरों में मायाराम की गिनती होती है। वढअ सरकार के समय चिदंबरम के करीबी माने जाते थे। पिछले दिनों अलवर में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी शामिल हुए थे। सीएम के वित्त सलाहकार मायाराम केंद्र में ग्रामीण विकास विभाग में वित्तीय सलाहकार और विशेष सचिव रह चुके हैं। केंद्रीय वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव भी रह चुके हैं। राजस्थान सरकार में पर्यटन, प्लानिंग और उद्योग में सचिव रह चुके मायाराम अलवर और बूंदी में कलेक्टर रह चुके हैं।