राजेन्द्र अरोरा व दीवाकर भारती को सेशन कोर्ट दुर्ग से मिली जमानत
भिलाई(असं)। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद काग्रेसी नेता राजेंद्र अरोरा और पूर्व पार्षद दीवाकर भारती के विरुद्ध धारा 384, 34 और 506 के तहत सुपेला थाना पुलिस द्वारा अपराध दर्ज होने के बाद राजेन्द्र अरोरा को सेशन कोर्ट दुर्ग से जमानत मिल गई है। अग्रिम जमानत मिलने के बाद राजेन्द्र अरोरा ने होटल व्यवसायी और कांग्रेस नेता सुभाष साव द्वारा अन्य झूठे प्रकरण में फंसाने की आशंका और जान माल को खतरा का अंदेशा व्यक्त करते हुए एसपी दुर्ग से आज गुहार लगाई है।
मंगलवार को पत्रकार वार्ता में राजेंद्र अरोरा और दीवाकर भारती ने जानकारी दी कि सुभाष द्वारा संचालित होटल अमित इन्टरनेशनल और अमित पार्क में नियम विरूद्घ तलघर पार्किंग का व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है जिसके कारण होटलों में आने वाले ग्राहक अपने वाहन होटलों के बाहर खड़ी करते हैं। इससे नेशनल हाईवे 53 अक्सर जाम रहता है। तीनो होटल नियमों की अवहेलना कर रहे जिसकी शिकायत करने के बाद जांच को प्रभावित करने सुभाष साथ द्वारा कई लोगों के माध्यम से मुझ पर दबाव डलवाया गया। जब मैंने मामले को वापस लेने के लिए मना कर दिया तब इससे क्षुब्ध होकर सुभाष साव द्वारा एक लिखित झूठी शिकायत सुपेला थाना में दर्ज की गई जिसमें पुलिस की जाँच के उपरान्त विवेचना प्रतिवेदन में आरोप गलत पाया। सुभाष साव द्वारा उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की जिसमें न्यायालय के निर्देश पर सुपेला पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज की गई। 25 जून को दर्ज एफआईआर गई पर दुर्ग सत्र न्यायायलय से हमें अग्रिम जमानत 27 जून को स्वीकार कर ली गई। दुर्ग न्यायालय से अग्रिम जमानत मिलने के बाद तीनों होटलो के संचालक सुभाष साव द्वारा कहा जा रहा है कि अभी तो एक मामले में अग्रिम जमानत मिली है, मामले और भी हैं। राजेंद्र अरोरा ने एसपी को ज्ञापन सौंप अन्य झूठे मामले में फँसाने और जान-माल को क्षति पहुँचाने की आशंका जताई है। उनसे निवेदन किया गया है कि सुभाष साव या उनके परिजनों द्वारा राजेंद्र अरोरा या उनके परिजनों के विरुद्ध कोई शिकायत की जाती है तो उस पर कोई भी कार्यवाही करने के पूर्व मुझे अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाए ताकि पुलिस को वास्तविक स्थिति से अवगत कराया जा सके और सुभाष साव अपना दुराशय की पूर्ति हेतु पुलिस प्रशासन का दुरुपयोग न कर सके। उन्होंने कहा कि सुभष साव के खिलाफ हाईकोर्ट में लगी पिल किसी भी सूरत में वापस नही लूंगा चाहे सुप्रीम कोर्ट क्यो न जाना पड़े ।बैकुण्ठ धाम मंदिर के दान पेटी में एक लाख रु डालने की बात पर कहा कि दान पेटी से अमित होटल के लिफाफे से मात्र 5100 रु ही निकला। इस तरह से उनके द्वारा किया गया प्रचार गलत साबित हुआ।