भिलाई इस्पात संयंत्र ने शुरू किया अपशिष्ट से ग्रीन टाईल्स का उत्पादन
भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र ने अपशिष्ट प्रबंधन के उद्देश्य से पेवर ब्लॉक ग्रीन टाईल्स का उत्पादन शुरू किया। बीओएफ स्लैग से पेवर ब्लॉक बनाने के लिए नई अभिनव पहल हरित पर्यावरण, 100 प्रतिषत ठोस अपशिष्ट के पुन:उपयोग और कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन कम करने के उद्देश्य से शुरू की गई एक ईंधन रहित प्रक्रिया है।
संयंत्र के प्रभारी निदेशक अनिर्बान दासगुप्ता के मुख्य आतिथ्य में 24 जून को सेल- ग्रीन टाईल्स प्लांट का उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर श्री दासगुप्ता ने पूरे टीम को बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन भिलाई इस्पात संयंत्र के लिए अत्यंत हर्ष का दिन है। हम आरएमपी-01 की टीम के प्रति हम आभारी हैं जिन्होंने अपशिष्ट प्रबंधन के इस अनोखी पहल को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुँचाया है। आगे उन्होंने कहा कि बीओएफ स्लैग का निपटान एक चुनौती है और अभी तक इसका पूर्ण सुव्यवस्थितिकरण उचित रूप से नहीं हो पाया है। पेवर-ब्लॉकों का उपयोग पार्किंग क्षेत्र और सड़क के किनारे सौंदर्यीकरण और स्वच्छता के उद्देश्य से किया जाता है। यह सेल-ग्रीन टाइल्स प्लांट के दो उद्देश्यों को पूरा करेगा, पहला यह बीओएफ स्लैग के निपटारे में सहायता करेगा और दूसरा यह हमारे प्लांट और टाउनशिप के सौंदर्यीकरण के साथ भविष्य में राजस्व उत्पन्न करने में मदद करेगा।
श्री दासगुप्ता ने इस तरह की एक अभिनव पहल के लिए मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (आयरन) को बधाई दी और सभी आंतरिक संसाधनों के उपयोग के लिए टीम को भी बधाई देते हुए कहा, यह टीम बीएसपी की प्रतिभा, भावना और क्षमता को दर्शाता है। सेल ग्रीन टाइल्स प्लांट में बने पेवर ब्लॉक वर्तमान में बाजार में उपलब्ध ब्लॉक से काफी सस्ते और बेहतर हैं। श्री दासगुप्ता ने प्रति दिन 1000 टाइल्स उत्पादन का लक्ष्य रखा और बाद में इस लक्ष्य को मांग के अनुसार वृद्धि की अपेक्षा की। आगे उन्होंने कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र, स्टील उत्पदान के साथ 'जुगाड़ टेक्नोलोजीÓ (वेस्ट मैनेजमेंट का सदुपयोग) में भी आगे आया है जिसके लिए उन्होंने अन्य विभागों को भी प्रयासरत रहने के लिए प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक (वक्र्स) अंजनी कुमार, कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं) एवं अतिरिक्त प्रभार कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) सुब्रत मुखोपाध्याय, कार्यपालक निदेशक (सामग्री-प्रबंधन) अजय कुमार चक्रबर्ती, कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा) डॉ अशोक कुमार पंडा, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (आयरन) तापस दासगुप्ता, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (सर्विसेस) प्रबीर कुमार सरकार, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (एम एंड यु) असित साहा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉ. रविन्द्रनाथ एम समेत विभिन्न विभागों के मुख्य महाप्रबंधक तथा विभिन्न उच्च अधिकारीगण और कर्मचारीगण उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि सेल ग्रीन टाइल्स प्लांट में निर्मित इस पेवर ब्लॉक में आईएस 15658: 2006 के अनुसार एम-40, 40 छध्उउ2 की निर्दिष्ट कंप्रेसिव स्ट्रेंथ है। इन पेवर ब्लॉकों का उपयोग पैदल-यात्री प्लाजा, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स रैंप, कार पार्क, कार्यालय ड्राइव वे, आवास कॉलोनी, कार्यालय परिसर, कम मात्रा में यातायात वाली ग्रामीण सड़कों, फार्म हाउस, समुद्र तट स्थलों, पर्यटक रिसॉट्र्स स्थानीय प्राधिकरण फुटपाथ, आवासीय सड़कों आदि में किया जा सकता है। .मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (आयरन) श्री तापस दासगुप्ता के मार्गदर्शन में, बीएसपी की एक अंतर-विभागीय टीम ने '(5-12 मिमी) बीओएफ स्लैग के माध्यम से पेवर ब्लॉक बनानेÓ के पायलट प्रोजेक्ट का अध्ययन करने के लिए आरडीसीआईएस रांची का दौरा किया था। कुछ ही दिनों में सभी आंतरिक व्यवस्था के साथ एलडीसीपी आरएमपी-1 पाउडर शॉप के स्थान पर प्लांट स्थापित किया गया है। इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (आयरन) तापस दासगुप्ता ने कहा कि बीओएफ स्लैग को कार्य में उपयोग करने का सपना आज साकार हुआ है। उन्होंने कहा कि बीएसपी को इस स्तर कि ऊर्जावान टीम का आशीर्वाद प्राप्त है। इस लक्ष्य को बहुत ही कम समय में साकार करने के लिए इस ऊर्जावान अंतर्विभागीय टीम ने सभी आंतरिक संसाधनों का उपयोग किया है। उद्घाटन कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि, सयंत्र के निदेशक प्रभारी श्री अनिर्बान दासगुप्ता ने विधिवत पूजन के दौरान श्रीफल तोड़कर किया। कार्यक्रम में उपस्थित कार्यपालक निदेशक (वक्र्स) श्री अंजनी कुमार ने इस पहल को अपशिष्ट प्रबंधन का श्रेष्ठ उदाहरण बताते हुए पूरी टीम की सराहना और कहा कि यह परियोजना अपशिष्ट प्रबंधन की परियोजना है जो बीएसपी के लिए बड़ी चुनौती है। इस पहल से अपशिष्ट से लाभ प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी। कार्यक्रम का संचालन सहायक महाप्रबंधक (एन्वायरमेंट) श्रीमती बी अनुराधा द्वारा किया गया।