एक ताने से उजड़ गया परिवार, 7 लोगों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार

एक ताने से उजड़ गया परिवार, 7 लोगों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार

जयपुर (एजेंसी)। राजस्थान में जालौर जिले के सांचौर क्षेत्र के गलीफा गांव के एक ही परिवार के 7 लोगों की ओर से बुधवार को आत्महत्या करने के मामले ने सभी को झकझोर कर रख दिया। परिवार की सामूहिक आत्महत्या के बाद गुरुवार दोपहर सभी मृतकों का गमगीन माहौल में एक ही चिता पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। पुलिस के अनुसार शंकराराम (41), पुत्र खेमाराम, पत्नी बादली (31), बेटी रमीला (11), बेटा विक्रम (10), बेटी संगीता (08), बेटी कमला (07) और बेटा हितेश (4) के साथ सिद्धेश्वर गांव की सरहद में नर्मदा नहर की मुख्य कैनाल में आत्महत्या कर ली। इनके शव नहर से बाहर निकाल कर मोचर्री में रखवाया गया. गुरुवार को पोस्टमार्टम करने के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए। जिसके बाद एक ही चिता पर सातों शवों का अंतिम संस्कार किया गया। 
जानकारी के अनुसार सामाजिक लोकलाज के चलते पहले शंकराराम ने अपने ससुराल व परिजनों के सामने पत्नी बादली व उसके कथित प्रेमी चेला की करतूत को लेकर पंचायती करवाई थी। उसके बाद एक बार तो समझाइश करके मामले को शांत करवा दिया, लेकिन बाद में शंकरा को कॉल करके बोला कि पंचायती करके क्या उखाड़ लिया। इसके बाद शंकरा ने परिजनों को पूरी बात बताई और परिवार संग नर्मदा नहर में कूद कर जान दे दी। वहीं इस घटना के बाद मृतक के भाई जोगाराम पुत्र खेमाराम ने सांचौर थाने में चेला के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दी। जिसके बाद पुलिस ने चेला को दस्तयाब किया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर ही है।
जांच में सामने आया कि सोमवार रात को पड़ोसी युवक चेला ने शंकरा को फोन किया था। जिसको लेकर बताया जा रहा है कि इस युवक ने शंकराराम को धमकी दी और कहा कि पंचायत करके क्या उखाड़ लिया। इसके बाद से शंकराराम तनाव में था। ऐसे में सुबह सबसे पहले अपनी मां प्रेमा के पास पहुंचा। मां प्रेमा को शंकरा ने चेला व उसकी पत्नी बादली की कॉल रिकॉर्डिंग सुनाई थी। मां ने समझाया तो वहां से खुद   के घर चला गया। इसके बाद परिवार घर से 1 बजे निकला और सांचौर जाने के लिए बस स्टेशन पर आ गया। यहां पर बेडिया से आने वाली बस में बैठ कर सिद्धेश्वर उतरे। यहां पर 60 रुपए देकर 6 आइस्क्रीम खरीदी। जिसको खुद ने नहीं खा कर अपनी पत्नी, तीन बेटियों व दो बेटों को खिलाई। उसके बाद पास की दुकान ने मूंगफली और पानी की बोतल खरीदी। करीबन दो घंटे तक अगार की तरफ जाने वाले सड़क मार्ग पर बबूल की छाया में बैठे रहे। शाम को करीबन 5 बजे के आसपास कुछ लोग शंकरा को खोजने आए, तो यह परिवार नहर के किनारे नहीं था। जिसके बाद बुधवार को नहर किनारे खोजबीन की, तो कपड़े और मोबाइल मिल गया. जिसके बाद एक बालक का शव मिला तो सभी के नहर में कूदने की पुष्टि हो गई। स्थानीय तैराकों की मदद से सभी शवों को बाहर निकाला गया।