भिलाई के दो पत्रकारों ने थाना प्रभारी पर लगाए गंभीर आरोप, न्यायालय ने पुलिस कार्रवाई को सही ठहराते हुए दोनों पत्रकारों के अग्रिम जमानत को किया खारिज, पढ़े न्यायालय ने क्या कहा

भिलाई के दो पत्रकारों ने थाना प्रभारी पर लगाए गंभीर आरोप, न्यायालय ने पुलिस कार्रवाई को सही ठहराते हुए दोनों पत्रकारों के अग्रिम जमानत को किया खारिज, पढ़े न्यायालय ने क्या कहा

भिलाई। दुर्गा न्यायालय ने महादेव सट्टा के मामले में करोड़ों रुपए लेनदेन मामले में पत्रकार गोविंद चौहान और रविकांत मिश्रा के अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। दोनों ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से सुपेला थाना प्रभारी पर झूठे केस में फंसाने का भी आरोप लगाया है। इस पर न्यायालय ने बैंक के दस्तावेजों की जांच के बाद जमानत याचिका को खारिज कर दिया। अष्टम अपर सत्र न्यायाधीश पीएस मरकाम ने कहा कि  पुलिस द्वारा संकलित साक्ष्य से उक्त अपराध में आवेदकगण का संलिप्तता होना प्रथम दृष्टया दर्शित होता है। इसलिए जमानत नहीं मिलेगी। फिलहाल दोनों आरोपी फरार है। बता दें कि गोविंदा चौहान व रविकांत मिश्रा द्वारा एक न्यूज पोर्टल का संचालन किया जाता है।

दुर्ग जिले में महादेव सट्टा एप के रुपयों के लेनदेन के लिए गलत तरीके से खाता खुलवाने के मामले में सुपेला पुलिस ने पत्रकार गोविंदा चौहान और उसके साथी रविकांत मिश्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। दोनों फरार हैं। दोनों के खातों से करोड़ों का लेनदेन मिला है। दोनों दूसरों के नाम से खाते खुलवाकर करोड़ों का लेनदेन करते थे। 7 अक्टूबर को गोविंदा चौहान और रविकांत मिश्रा की और से अधिवक्ता अनिल पासवान ने अष्टम अपर सत्र न्यायाधीश पीएस मरकाम के कोर्ट में आवेदन प्रस्तुत करते हुए दोनों को प्रतिष्ठित पत्रकार बताया। वहीं सुपेला थाना प्रभारी पर झूठे मामले में फसाने का आरोप भी लगाया है। सुपेला थाना द्वारा प्रस्तुत सभी दस्तावेजों और बैंक डिटेल देखने के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी गई। अनावेदक/राज्य की और से लोक अभियोजक प्रदीप नेमा ने पैरवी की।

रविकांत मिश्रा एवं गोविंदा चौहान की ओर से अधिवक्ता अनिल पासवान ने यह तर्क किया है कि आवेदकगण का यह प्रथम अग्रिम जमानत आवेदन पत्र है। इसके अतिरिक्त माननीय उच्च न्यायालय अथवा किसी अन्य सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत आवेदन पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है और न ही निरस्त किया गया है। इस संबंध में आवेदकगण की ओर से स्वयं का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है।आगे यह तर्क किया गया है कि आवेदक निर्दोष है उसे मामले में झूठा फंसाया गया है। आवेदकगण अच्छे एवं प्रसिद्ध पत्रकार है जिनकी समाज में अच्छी पहचान है। थाना सुपेला के द्वारा प्रार्थी को पूछताछ के नाम पर बुलाकर मारपीट कर झूठा आवेदन लिखाकर अपराध पंजीबद्ध कराया गया है, जिसमें उन्हें गिरफ्तार किये जाने की संभावना है, जबकि उनके द्वारा ऐसा कोई अपराधिक कृत्य कारित नहीं किया गया है।

विवेचना अधिकारी द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के न्याय दृष्टांत अरनेश कुमार वि० बिहार राज्य एवं क्रिमिनल अपील नं०-1277/2014 निर्णय दिनांक 02 जुलाई 2014 में दिये गये निर्देशों का पालन नहीं किया गया है। जबकि विवेचना अधिकारी के द्वारा आवेदकगण को विधिवत नोटिस दिया जाना आवश्यक है । आवेदकगण का कोई अपराधिक रिकार्ड नहीं है। उनके विरुद्ध दर्ज अपराध मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध नहीं है तथा न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी द्वारा विचारणीय है। आवेदकगण न्यायालय द्वारा अधिरोपित समस्त शर्तों का पालन करने को तैयार है। अतः आवेदकगण को अग्रिम जमानत का लाभ दिये जाने का निवेदन किया गया है।

वहीं अभियोजन /राज्य की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक प्रदीप नेमा ने तर्क किया है कि आवेदकगण ने प्रार्थी एवं अन्य को भारत सरकार द्वारा चलायी जा रही, सभी शासकीय योजनाओं में लाभ दिलाने का प्रलोभन देकर उनके बैंक पासबुक एवं एटीएम कार्ड लेकर उनके खाते से अवैध रुप से लाखों, करोड़ो रुपये का रकम लेन-देन किया गया है। आवेदकगण के विरुद्ध दर्ज अपराध गंभीर प्रकृति का है। आवेदकगण, विवेचना में सहयोग नहीं किया जा रहा है, फरार है। केस डायरी में आवेदकगण के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध है। अग्रिम जमानत का लाभ दिये जाने से विवेचना को प्रभावित कर सकते है। अतः अग्रिम जमानत आवेदन पत्र निरस्त किये जाने का निवेदन किया गया ।

उक्त अग्रिम जमानत आवेदन पर उभयपक्ष के अधिवक्ताओं का तर्क सुना गया ।थाना सुपेला के अप ० क्रं0-1026/2024 धारा 318 (4), 319 (2), 61(2), 111 बी०एन०एस० से संबंधित केस डायरी एवं प्रतिवेदन का अवलोकन किया गया, जिसके अनुसार प्रार्थी धीरज महतो ने थाना सुपेला में उपस्थित होकर लिखित आवेदन प्रस्तुत कर बताया है कि प्रार्थी धीरज महतो इंदिरा नगर गदा चौक, सुपेला भिलाई में रहता है, चाय दुकान चलाता है, उसका मित्र मुकेश तांडी पुरानी बस्ती रावणभाटा सुपेला में रहता है। वे दोनों, आवेदक गोविदा चौहान को पूर्व से जानते पहचानते है। आवेदक गोविंदा चौहान उन लोगों को वर्ष 2023 में बोला कि तुम लोगों को भारत सरकार द्वारा चलायी जा रही सभी योजनाओं में लाभ दिलवायेगा।

उसके लिए तुम लोगों को खाता खुलवाना पडेगा, जिससे वह और उसका मित्र खाता आईडीएफसी बैंक में खुलवाये। आवेदक गोविंदा चौहान तथा रविकांत मिश्रा ने उनके पासबुक व एटीएम लेकर चले गये और बोले कि इसे हम लोग सिस्टम में अपडेट करवाकर वापस कर देगे, उसके कुछ दिन बाद दोनों उनके पास आये और बोले कि तुम्हारे खाते में लगे फोन नम्बर से सिस्टम में अपलोड नहीं हो रहा है, तुम लोगों को हम लोग नया मोबाईल नंबर दे रहे है, उसे अपने खाते में अपडेट करवाकर दो। आवेदक गोविंदा चौहान बोला, नया नंबर मेरे द्वारा दिया जा रहा है, उसको खाता में अपडेट करवाकर देना पडेगा, फिर उनके द्वारा सिस्टम में अपलोड करने के बाद, हम तुम्हारा पासबुक, एटीएम व नया नंबर वापस कर देंगे। फिर वे लोग उनके द्वारा दिये गये मोबाइल नंबर को बदलवाकर बताये । उसके कुछ महीने बाद उन लोगों ने गोविंदा चौहान और रविकांत मिश्रा से अपना खाता पास बुक एवं एटीएम मांगा तो उनके द्वारा टालमटोल की गयी। उनके द्वारा टालमटोल करने पर उन लोगों को शक होने पर आईडीएफसी बैंक नेहरनगर जाकर प्रार्थी का खाता क्रं० 10151043516 एवं मुकेश तांडी का खाता क्रं०- 10157899480 के संबंध में बैंक अधिकारियों से जानकारी लिये जाने पर बताया कि तुम्हारे खाते में लाखों रुपये का अवैध तरीके से लेनदेन हुआ है, इसलिए आप लोगों के खातों को मुम्बई ब्रांच ने होल्ड किया है, तब उन्हें पता चला कि आवेदक गोविंदा चौहान व रविकांत मिश्रा द्वारा उनके खाते में मोबाईल नंबर बदलकर षडयंत्रपूर्वक धोखाधडी कर अवैध आर्थिक लाभ अर्जित कर दुरुपयोग किया गया है।

आवेदकगण के द्वारा प्रार्थी एवं उसके मित्र मुकेश तांडी के उनके खाते में मोबाईल नबर बदलकर लाखों रुपये का अवैध तरीके से लेनदेन कर षडयंत्रपूर्वक धोखाधडी किया गया । प्रार्थी की लिखित शिकायत पर थाना सुपेला में आवेदकगण रविकांत मिश्रा एवं गोविंदा चौहान के विरुद्ध अप०क्र०-1026/2024 धारा धारा 318 (4), 319 (2), 61(2) बी०एन०एस० के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण में विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान आईडीएफसी बैंक में प्रार्थी धीरज मेहतो का खाता नं० एवं एक अन्य मुकेश तांडी का खाता नं० एवं आवेदकगण का खाता नं० पर अद्यतन स्टेटमेंट प्राप्त कर, स्टेटमेंट के अवलोकन करने पर अवैध रुप से विभिन्न खातों से करोडो रुपये आयी है, जिसे आवेदकगण के मोबाईल आई०एम०पी०एस० एवं एन०३०एफ०टी० तथा आर०टी०जी०एस० के माध्यम से अन्य खातों में करोडो रुपये का भुगतान अवैध रुप से संगठित होकर किये जाने से धारा 111 बीएनएस के तहत धारा जोडी गयी है।

केस डायरी के अवलोकन से आवेदकगण के विरुद्ध प्रार्थी धीरज महतो एवं उसके मित्र को शासकीय योजनाओं में लाभ दिलाने का प्रलोभन देकर अपने नाम का मोबाईल नम्बर, उनके खातों में डलवाकर षडयंत्रपूर्वक अवैध तरीके से एप के माध्यम से राशि अर्जित कर आम जनता एवं शासन को क्षति पहुंचाये जाने हेतु प्रथम दृष्टया तथ्य केस डायरी में उपलब्ध है।

पुलिस द्वारा संकलित साक्ष्य से उक्त अपराध में आवेदकगण का संलिप्तता होना प्रथम दृष्टया दर्शित होता है। आवेदकगण को अपराध में झूठा फंसाये जाने हेतु प्रथम दृष्टया केस डायरी में कोई आधार उपलब्ध नहीं है। प्रकरण में विवेचना जारी है। अग्रिम जमानत का लाभ दिये जाने से विवेचना प्रभावित कर सकते है। आवेदकगण की ओर से जो तर्क प्रस्तुत किया गया है वह साक्ष्य का विषय है। उपरोक्त परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए आवेदकगण को अग्रिम जमानत का लाभ दिये जाने हेतु यह उपर्युक्त मामला होना दर्शित नहीं होता है। फलस्वरुप आवेदकगण रविकांत मिश्रा एवं गोविंदा चौहान की ओर से प्रस्तुत प्रथम अग्रिम जमानत आवेदन पत्र अंतर्गत धारा-482 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता स्वीकार योग्य नहीं पाये जाने से निरस्त किया जाता है।

क्या है मामला 

सुपेला पुलिस ने बताया कि लक्ष्मी नगर सुपेला निवासी गोविंदा और उसके साथी रविकांत ने आइडीएफसी बैंक में अलग-अलग चार नाम से फर्जी खाते खुलवाए। इसमें करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन किया गया। दोनों पत्रकारों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला सुपेला थाना में दर्ज की गई है। इन पर आरोप है कि चाय बेचने वाले का बैंक में खाता खुलवाकर करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन किए है। अपराध दर्ज होने के बाद दोनों फरार है, जिसकी तलाश सुपेला पुलिस द्वारा की जा रही है। सुपेला पुलिस ने 318(4)-BNS, 319(2)-BNS, 61(2)-BNS के तहत मामला दर्ज किया है।

सुपेला थाना से मिली जानकारी के अनुसार चाय बचने वाले एक शख्स व उसके साथी के नाम पर फर्जी तरीके से खाता खुलवाकर डेढ़ करोड़ से ज्यादा की ठगी का मामला सामने आया है। इस मामले में पुलिस ने भिलाई के दो कथित पत्रकारों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। दोनों ने मिलकर चाय वाले व उसके साथी का अलग- अलग बैंक एकाउंट खुलवाया और उसमें 80 और 85 लाख यानी 1 करोड़ 65 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन किया है।

इस मामले शिकायत के बाद सुपेला पुलिस ने धारा 420 के तहत अपराध दर्ज किया है।सुपेला पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इंदिरा नगर सुपेला निवासी धीरज महतो (22 साल) ने रिपोर्ट दर्ज कराया कि उसका दोस्त रावणभाठा निवासी मुकेश तांडी (22 साल) दोनों दोस्त है। दोनों ने शिकायत की है कि वह जुनवानी स्थित श्री शंकराचार्य अस्पताल के पास चाय गुमटी चलाता है। इनका परिचय गोविंदा चौहान व रविकांत मिश्रा से था। 2023 में गोविंदा चौहान और उसके साथी रविकांत मिश्रा ने दोनों से कहा कि भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं का लाभ दिलाउंगा।

इसके लिए दोनों को बैंक एकाउंट खोलाना पड़ेगा।सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के चक्कर में आकर आईडीएफसी बैंक में दोनों ने खाता खुलवा लिया। 9 इस बीच गोविंदा चौहान और रविकांत मिश्रा ने कहा कि दोनों का बैंक खाता और एटीएम ले जाना पड़ेगा। क्योंकि बैंक खाता को सिस्टम में अपडेट करना होगा। इसके बाद दोनों धीरज और मुकेश दोनों का बैंक एकाउंट डिटेल और एटीएम लेकर चले गए। धीरज और मुकेश ने अपने बैंक खाता में मोबाइल नम्बर को अपडेट करा दिया।

कुछ दिन बीत गए, लेकिन गोविंदा और रविकांत ने बैंक खाता और एटीएम नहीं लौटाया।धीरज महतो व उसका दोस्त जब भी अपना एटीएम मांगते तो वे टालमटोल करने लगे। इसके बाद दोनों को शक हुआ वे बैंक पहुंच गए। एकाउंट के बारे में बैंक प्रबंधन से जानकारी लेने पर पता चला कि उनके खातों ने लाखों रुपए लेन देन किया जा रहा है। इसके कारण मुंबई ब्रांच ने बैंक एकाउंट को होल्ड कर दिया है। यह सुनकर दोनों को होश उड़ गए।

इसके बाद धीरज और मुकेश के खाते में हुए ट्रांजेक्शन से बता चला कि गोविंदा चौहान और रविकांत मिश्रा दोनों के खातों से कुल 1 करोड़ 65 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन किया है। इनके माध्यम से गोविंदा के खाते में 80 लाख और रविकांत मिश्रा के खाते में 85 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ। 

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