38 गोलियां मारकर की गई थी अमन की हत्या, बर्गर किंग हत्याकांड से जुड़े सोनीपत एनकाउंटर के तार
सोनीपत। हरियाणा के गांव छिनौली के पास पुलिस एनकाउंटर में मारे गए हिमांशु भाऊ गैंग के तीन बदमाशों में से दो का नाम दिल्ली के बर्गर किंग आउटलेट में हुए हत्याकांड में भी सामने आया था। बताया जा रहा है कि आरोपी चिकित्सक की हत्या करने की फिराक में थे। लेकिन, उससे पहले ही एसटीएफ और दिल्ली पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में मारे गए।
बता दें कि दिल्ली के राजौरी गार्डन स्थित बर्गर किंग आउटलेट पर अमन जून की 38 गोलियां मारकर हत्या की गई थी। अमन की हत्या के बाद कुख्यात हिमांशू भाऊ गैंग का नाम आया था। इस मामले में हिमांशु भाऊ की करीबी सहयोगी महिला भी थी। छिनौली के पास हुए एनकाउंटर में मारा गया आशीष उर्फ लालू और विक्की रिंढाणा इस हत्याकांड में संलिप्त बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि खानपुर के चिकित्सक से पिछले दिनों मांगी गई रंगदारी में भी आरोपी शामिल थे। चिकित्सक ने 50 लाख की रंगदारी मांगने का आरोप लगाया था। आरोपी उनकी हत्या की फिराक में थे। इधर, शुक्रवार को दिल्ली क्राइम ब्रांच को बदमाशों के बारे में इनपुट मिला था। क्राइम ब्रांच की टीम बदमाशों का दिल्ली से ही पीछा कर रही थी।
आशीष और रिढाना वही थे जिन्होंने 18 जून को राजौरी गार्डन बर्गर किंग आउटलेट में 26 वर्षीय अमन जून की गोली मारकर हत्या कर दी थी। सोनीपत मुठभेड़ में शामिल दिल्ली पुलिस के डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि मारे गए दो बदमाश दिल्ली के बर्गर किंग आउटलेट गोलीकांड और हत्या में शामिल थे। जानकारी के अनुसार बर्गर किंग में मारा गया अमन जून हरियाणा का रहने वाला था। अमन जून पर तब हमला किया गया जब वह रेस्तरां में एक महिला के साथ बैठा था। उस महिला ने कथित तौर पर अमन को 'हनी ट्रैप' में फंसाया था। घटना के बाद से महिला फरार है। दोनों शूटरों के एक सहयोगी बिजेंदर को 28 जून को रोहिणी में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था।
वह आशीष और रिधाना को अपनी मोटरसाइकिल पर आउटलेट पर ले गया था। राजौरी गार्डन में बर्गर किंग आउटलेट पर हुई हत्या को जेल में बंद गैंगस्टर नीरज बवाना और अशोक प्रधान के बीच चल रहे गैंगवार के हिस्से के रूप में देखा गया था। एसटीएफ की टीम ने गाड़ी को रोकने का प्रयास किया तो कार सवार बदमाशों ने भागने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें रोकना की कोशिश तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। बदमाशों को सरेंडर करने को कहा गया, लेकिन वे फायरिंग करते रहे। तीनों ने करीब 25 से 30 गोलियां चलाईं। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें तीनों गोली लगने से घायल हो गए। तीनों को पुलिस ने खरखौदा के अस्पताल में पहुंचाया, जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।