युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का पहला जत्था कांकेर से कर्नाटक के लिए हुए रवाना
सीमा सुरक्षा बल द्वारा आयोजित आदिवासी
भिलाई। 16 वाँ आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत 28 नवंबर को जिला कांकेर, छत्तीसगढ़ के अति दुर्गम एवम् नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से 20 आदिवासी युवा लड़के एवं 20 युवा लड़कियों के पहले जत्थे को रायपुर रेलवे स्टेशन से बैंगलोर (कर्नाटक) के लिए रवाना किया गया। सीमा सुरक्षा बल के 2 पु़रूष सुरक्षा अधिकारी और 2 महिला सुरक्षा अधिकारी भी इनके साथ रवाना हुए। ये जत्था बैंगलोर में भारत के विभिन्न राज्यों के अन्य आदिवासी युवाओं से मिलकर अन्य राज्यों की संस्कृति से रूबरू होंगे।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत आदिवासी युवक एवं युवतियों को उनके उज्ज्वल भविष्य तथा अधिकार के बारे में उचित व उपयुक्त जानकारी प्रदान की जायेगी, साथ ही साथ अन्य राज्यों से भाग लेने वाले युवक-युवतियों के बीच मेल-मिलाप बढ़ेगा, जिससे वे एक-दूसरे के खान-पान, रहन-सहन, सांस्कृतिक गतिविधियाँ एवं वेशभूषा से रूबरू होंगे। इस कार्यक्रम में सभी राज्यों के स्थानीय लोक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी जायेगी। साथ ही बैंगलोर के प्रसिद्ध, दर्शनीय एवं सांस्कृतिक महत्व के स्थलों का भ्रमण कराया जाएगा।
माई भारत (नेहरू युवा केन्द्र संगठन), नई दिल्ली (युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार) एवं गृह मंत्रालय के संयुक्त तत्वाधान में 16 वाँ आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। प्रत्येक आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम की अवधि 07 दिन है। छत्तीसगढ के कांकेर और नारायणपुर जिले में तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के नक्सल प्रभावित इलाके से इस वर्ष कुल 13 भ्रमण कार्यक्रमों के अतंर्गत 18 से 22 वर्ष आयु वर्ग के 500 चयनित युवा भाग ले रहे है।
इस आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम की प्रमुख गतिविधियों में संवैधानिक अधिकारियों और प्रतिष्ठित व्यक्तियों के साथ संवाद सत्र, पैनल चर्चा, व्याख्यान सत्र, भाषण प्रतियोगिता, कैरियर संबंधी मार्गदर्शन, चल रहे खेल आयोजनों के बारे में जानना शामिल है। इसके अलावा प्रतिभागी बैंगलोर के उद्योगो एवं सुरक्षा बलों के कैम्पो का भ्रमण करेंगे। इस कार्यक्रम के पहले जत्थे को बैंगलोर (कर्नाटक) रवाना करते हुए आनंद प्रताप सिंह, भा0पु0से0, महानिरीक्षक, सीमा सुरक्षा बल सीमांत मुख्यालय (विशेष संक्रिया) छत्तीसगढ़ ने बधाई व शुभकामनाएँ दी।