तहसीलदार और कोटवार के खिलाफ ग्रामीणों में रोष

तहसीलदार और कोटवार के खिलाफ ग्रामीणों में रोष

बालोद। जिले के बिरेतरा गांव के लगभग 200 महिला पुरुष आज बड़ी संख्या में कोतवाली थाना पहुंचे और तहसीलदार के खिलाफ नाराजगी व्यक्त करते हुए गांव की कोटवार को पद से निष्कासित करने की मांग की. इस दौरान ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपा. कोटवार को लेकर ग्रामीण असंतुष्ट हैं क्योंकि ग्रामीणों ने किसी और का नाम चयन किया था.लेकिन किसी अन्य को कोटवार नियुक्त किया गया. ग्रामीण अजय यादव ने बताया कि तत्कालीन कोटवार द्रोणाचार्य की मृत्यु के बाद उनके बेटे हेमंत को कोटवार पद के लिए नियुक्त कर दिया गया. ग्रामीणों ने उसके स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति का नाम कोटवार पद के लिए चयन किया था. ग्रामीणों का आरोप है कि नियम कायदे के विपरीत जाकर ग्रामीणों की बगैर सहमति के उसे कोटवार की जिम्मेदारी दे दी गई जो ग्रामीणों को मंजूर नहीं है.ग्रामीणों ने वर्तमान नियुक्त कोटवार हेमंत के ऊपर कृषि भूमि पर कब्जा करने और गांव की शांति भंग करने का भी आरोप लगाया है. साथ ही उस पर कार्यवाही की मांग पुलिस से की है. सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीण इस दौरान तहसीलदार के पास पहुंचे.ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार 6 महीने से गांव में अशांति का मामला चल रहा है पहले ग्राम स्तर तक इसे सुलझाने का प्रयास किया गया लेकिन मामला नहीं बना तो थाने तक जाना पड़ा.लेकिन अब एक बार फिर उसी व्यक्ति को जिसने गांव का माहौल बिगाड़ा है.कोटवार नियुक्त कर दिया गया. जिसके बाद अब गांव के लोग नाराज हैं.ग्रामीणों ने एकजुट होकर नए कोटवार के नाम पर आपत्ति जताई है.ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा है कि जिस व्यक्ति का नाम कोटवार पद के लिए दिया गया था उसका कहीं अता पता नहीं है.जिसका नाम नहीं दिया गया था उस विवादित व्यक्ति को कोटवार की जिम्मेदारी सौंप दी गई है.अब प्रशासन से इस मामले में दखल देकर विवाद सुलझाने की गुहार ग्रामीणों ने लगाई है.