बालासोर ट्रेन हादसा: न्यायिक हिरासत में भेजे गए तीन आरोपी रेलवे अधिकारी, सिग्नल सर्किट बदलाव में 'चूक' से गई 293 लोगों की जान

अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी

बालासोर ट्रेन हादसा: न्यायिक हिरासत में भेजे गए तीन आरोपी रेलवे अधिकारी, सिग्नल सर्किट बदलाव में 'चूक' से गई 293 लोगों की जान

भुवनेश्वर (एजेंसी)। ओडिशा की एक विशेष अदालत ने बालासोर ट्रेन दुर्घटना के तीन आरोपी रेलवे अधिकारियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। 
रेलवे द्वारा निलंबित किए गए सीनियर सेक्शन इंजीनियर (सिग्नल) अरुण कुमार महंत, सेक्शन इंजीनियर मोहम्मद आमिर खान और टेक्नीशियन पप्पू कुमार को उनकी रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया। आरोपियों को सीबीआई ने 7 जुलाई को गिरफ्तार किया था। विशेष अदालत ने सात जुलाई को आरोपियों की पांच दिन की सीबीआई रिमांड मंजूर की थी। बाद में 11 जुलाई को अदालत ने जांच एजेंसी के अनुरोध पर रिमांड अवधि चार दिन के लिए और बढ़ा दी थी। मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी।
 तीनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और 201 (सबूत नष्ट करना) और रेलवे अधिनियम की धारा 153 के तहत मामला दर्ज किया गया है। सीबीआई ने अभी तक इस मामले में अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है, लेकिन दक्षिण पूर्वी सर्किल के रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि दुर्घटना सिग्नल सर्किट में बदलाव में 'चूक' के कारण हुई। दो जून को बालासोर जिले के बहनागा बाजार स्टेशन पर कोरोमंडल एक्सप्रेस एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी और इसके कुछ डिब्बे पटरी से उतरे और यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस से टकरा गए, जिससे कम से 293 लोगों की मौत हो गई और 1200 से ज्यादा लोग घायल हो गए।