वैशालीनगर के अवैध निर्माणों पर क्यों नहीं हो रही कार्यवाही? 40 में सिमट गई 80 फीट की सड़क
लोगों के द्वारा घरों के सामने कर लिया गया है अतिरिक्त निर्माण
अतिक्रमण हटाने चलाया गया था हस्ताक्षर अभियान
आयुक्त से कई बार शिकायत के बाद भी अब तक कार्रवाई नहीं
भिलाई। जोन-2 वार्ड क्रमांक 20 (पूर्व में वार्ड 15) वैशालीनगर गोल मार्केट में अतिक्रमण हटाने करीब ढाई वर्ष पहले हस्ताक्षर अभियान चलाया गया था। पंडाल स्थल पहुंचकर करीब 200 लोगों ने हस्ताक्षर करते हुए अपना समर्थन दिए थे। नगर निगम आयुक्त सहित वार्ड 19 पार्षद व जोन 2 अध्यक्ष रामानंद मौर्या, निगम सभापति गिरधर साहू, वार्ड 18 के पार्षद लालचंद वर्मा, वार्ड 16 पार्षद केशव चौबे आदि को अतिक्रमण हटाने ज्ञापन सौंपे जाने के बाद भी अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। बताया जाता है कि इन अतिक्रमणों के बीच जन प्रतिनिधियों के घर की बाउंड्रीवाल भी शामिल है। इसलिए इस अतिक्रमण को बेदखल करने की पहल नहीं की गई है। इससे लोगों में आक्रोश है।
छाया पार्षद अजय शिवबावीकर ने बताया कि लोगों द्वारा किए गए अतिक्रमण के कारण 80 फीट की सड़क 40 तथा 40 फीट की सड़क 20 फीट की हो गई है। अतिक्रमण के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई लोगों द्वारा अपने घर के आगे अवैध निर्माण कर लिया गया है। इससे सड़क की चौड़ाई कम हो गया है। ज्ञात हो कि वैशाली नगर वार्ड 20 (पूर्व में वार्ड 15) से अतिक्रमण हटाने 19 जुलाई 2020 को हस्ताक्षर अभियान चलाया गया था। इसमें वार्डवासी बढ़ चढ़कर शामिल हुए और हस्ताक्षर किए थे। एम्बुलेंस, स्कूल बस सहित अन्य वाहनों को आने जाने में परेशानी होती है।
निगम आयुक्त को सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया था कि गोल मार्केट शिव मंदिर से पुराना शिव मंदिर तक, ईडब्ल्यूएस 1 से 17 के बीच में, एलआईजी 56 से 75 के बीच में, ईडब्ल्यूएस 633 से 651 के बीच, ईडब्ल्यूएस 700 से 723 के बीच, ईडब्ल्यूएस 688 से 703 के बीच, ईडब्ल्यूएस 231 से 246 के बीच, ईडब्ल्यूएस 349 से 366 के बीच तथा ईडब्ल्यूएस 528 से 544 के बीच मकानों के सामने लोगों द्वारा अतिक्रमण किया गया है।
पार्षद सहित जनप्रतिनिधियों के प्रति लोगों में आक्रोश
1 मार्च को जोन-2 अंतर्गत इंदिरा नगर चौक में नगर निगम द्वारा अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई से लोगों में पार्षद सहित जनप्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश व्याप्त है। वहीं यह भी चर्चा का विषय रहा कि जब दुकानों द्वारा की गई अतिक्रमणों पर कार्यवाही की गई तो चौक में मौजूद एक निजी स्कूल दीवाल को क्यों नहीं तोड़ा गया।
अवैध निर्माणों को हटाने जेसीबी की मदद ली गई। लोगों का कहना है कि यहां के कई व्यापारी ऐसे थे जिन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया। वहीं कुछ व्यापारियों का कहना है कि उन्हें एक दिन पहले ही शाम को नोटिस मिली थी और अगले दिन निगम की तोडू दस्ते द्वारा जेसीबी की मदद से निर्माणों को तोड़ दिया गया। कई व्यापारी ऐसे भी थे जिन्हें उनके दुकानों पर की गई तोड़फोड़ की जानकारी दूसरों से प्राप्त हुई। तोड़फोड़ से प्रभावित लोगों का कहना है कि उन्हें मौका ही नहीं दिया गया कि वे अतिरिक्त निर्माणों को हटा सके। लोगों का कहना है कि वैशाली नगर में भी अतिक्रमणों पर बुल्डोजर चलाना चाहिए। उनका कहना था कि निगम निगम द्वारा निम्न तबके के व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है। जबकि वैशालीनगर में धनाढ्य लोगों द्वारा घर के सामने किए गए अतिक्रमणों पर कई बार आवेदन सौंपे जाने के बाद भी तोड़फोड़ की कार्यवाही नहीं की गई। लोगों द्वारा घरों के सामने की गई अतिरिक्त निर्माण के कारण 80 फीट की सड़क 40 फीट की हो गई है लेकिन नगर निगम द्वारा ऐसे जगहों पर कार्यवाही छोड़ गरीबों को परेशान किया जा रहा है।