मृत्यु किसी को समय देकर नहीं आती है- डॉ. इन्दुभवानन्द महाराज
भिलाई। गहोई वैश्य समाज के तत्वावधान में एमपी हॉल जुगवानी में चल रही श्रीमद् भागवत की दिव्य अमृतमयी कथा के सार भाग को श्रोताओं के सामने प्रस्तुत करते हुए ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी श्री स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज के शिष्य डॉ.इन्दुभवानन्द महाराज ने बताया कि सुखदेव जी महाराज राजा परीक्षित को उपदेश देते हुए कह रहे हैं कि मृत्यु कभी किसी को समय देकर नहीं आती है। जो समय व्यक्ति का व्यतीत हो जाता है उसे उसकी चिंता नहीं करना चाहिए। असावधानी के साथ जिया गया बर्षों का समय व्यर्थ होता है किंतु सावधानी पूर्वक व्यतीत की गई घटी दो घटी भी व्यक्ति के परम कल्याण का कारण बन जाती है। राजा खट्वांग ने भी दो घटी के समय को प्राप्त करके अपनी मुक्ति का मार्ग प्रशस्त कर लिया था। आप भाग्यशाली हैं, आपके पास महाराज सात दिन की अवधि है।
अंत काल आने पर व्यक्ति को घबराना नहीं चाहिए, शरीर घर परिवार व स्वजनों के प्रति जो उसकी आसक्ति है उसे काटकर के फेंक देना चाहिए क्योंकि आसक्ति ही व्यक्ति के बंधन का कारण है।