प्रबंधन से नहीं मिला ठोस जवाब, DIC से मुलाकात तक जारी रहेगा विधायक देवेंद्र यादव का उपवास

प्रबंधन से नहीं मिला ठोस जवाब, DIC से मुलाकात तक जारी रहेगा विधायक देवेंद्र यादव का उपवास

भिलाई। बीएसपी प्रबंधन के फैसलों के खिलाफ कर्मचारियों और अधिकारियों के अधिकारों की लड़ाई में विधायक देवेंद्र यादव का उपवास लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा। सिविक सेंटर स्थित उपवास स्थल पर जिला प्रशासन और बीएसपी प्रबंधन के अधिकारियों के साथ वार्ता हुई, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया।

शाम करीब साढ़े चार बजे बीएसपी के जीएम आईआर जेएन ठाकुर, जीएम अतुल नौटियाल और जीएम श्रीनिवास उपवास स्थल पर पहुंचे। पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे। बैठक के बाद विधायक देवेंद्र यादव ने साफ कहा कि बीएसपी प्रतिनिधियों ने बताया है कि डीआईसी उनसे मुलाकात करना चाहते हैं। डीआईसी का हाल ही में ऑपरेशन हुआ है और दो दिन के भीतर मुलाकात का आश्वासन दिया गया है। इसी कारण उपवास को फिलहाल और आगे बढ़ाया जा रहा है। मुलाकात के बाद ही आंदोलन की आगे की रणनीति तय की जाएगी। विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि बीएसपी के प्रतिनिधियों के पास फैसला लेने का अधिकार नहीं है। हमारा संघर्ष किसी व्यक्ति से नहीं, बल्कि उस नीति से है जो भिलाई की बसाहट और पहचान को खत्म करने की दिशा में बढ़ रही है। उन्होंने दो टूक कहा कि भिलाई को बिकने नहीं दिया जाएगा। यह शहर उनकी पहचान है और इसे मिटने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सेक्टर 9, सेक्टर 4, सेक्टर 3 की बसाहट, सेक्टर 9 अस्पताल का निजीकरण, स्कूल, मैत्रीबाग, टाउनशिप के व्यापारी, रिटेंशन स्कीम और आवासीय यूनिटों को लेकर प्रबंधन की मंशा साफ नहीं है।

विधायक ने आरोप लगाया कि बीएसपी प्रबंधन केवल यह कह रहा है कि चर्चा चल रही है और नीबू पानी या नारियल पानी पीने की सलाह दी जा रही है, लेकिन जनता के भविष्य को लेकर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन लंबा चलेगा और तब तक जारी रहेगा जब तक भिलाई के लोगों को उनके अधिकारों की पूरी जानकारी नहीं मिल जाती। शाम को तय बैठक से पहले सैकड़ों की संख्या में भिलाईवासी सिविक सेंटर पहुंचे। सेक्टर 5 से बड़ी संख्या में महिलाएं और युवक तख्तियां लेकर आए, जिन पर “मैं भिलाई”, “मैं मकान”, “मैं मैत्रीबाग”, “मैं सेक्टर 9 हॉस्पिटल” जैसे नारे लिखे थे। माहौल पूरी तरह आंदोलन के समर्थन में नजर आया। इस्पात मंत्रालय के आदेशों को लेकर बीएसपी प्रबंधन के रुख से कर्मचारियों और अधिकारियों में भारी आक्रोश है।

रिटेंशन स्कीम, निजीकरण, अस्पताल, स्कूल, मैत्रीबाग, लीज और आवास जैसे मुद्दों को लेकर असंतोष लगातार बढ़ता जा रहा है। रविवार को दो दिवसीय सत्याग्रह समाप्त होना था, लेकिन प्रबंधन और प्रशासन की ओर से किसी ठोस पहल के अभाव में विधायक ने सत्याग्रह को आगे बढ़ाने का फैसला लिया। सोमवार को दोपहर करीब 12 बजे बीएसपी के जीएम, एसडीएम और सीएसपी मौके पर पहुंचे, लेकिन बातचीत नहीं हो सकी। शाम चार बजे फिर समय तय किया गया। इसी बीच मेडिकल टीम ने उपवास पर बैठे विधायक और उनके साथ दो अन्य लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। रिपोर्ट संतोषजनक न होने से स्थिति और गंभीर हो गई। हालात को देखते हुए बीएसपी प्रबंधन ने सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ा दी है। मेन गेट से पहले बैरियर लगाकर चेकिंग शुरू कर दी गई है और सीआईएसएफ जवानों को तैनात किया गया है। नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने भी विधायक देवेंद्र यादव के सत्याग्रह को समर्थन दिया है और प्रबंधन से अपील की है कि भिलाई को बर्बादी की ओर न ले जाया जाए। वहीं कांग्रेस के कई विधायक, पूर्व विधायक और जनप्रतिनिधियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से “भिलाई नहीं बिकने देंगे” का नारा बुलंद करते हुए आंदोलन के साथ खड़े होने का ऐलान किया है।