बजट 2025: वेतनभोगी लोगों के लिए एलान, स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ 12.75 लाख की कर योग्य आय पर कोई टैक्स नहीं
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए कहा कि अब 12 लाख रुपये तक की आमदनी आयकर के दायरे से बाहर होगी। वित्त मंत्री ने प्रत्यक्ष कर पर बजट में कहा कि नए आयकर विधेयक में न्याय की भावना को प्रमुखता दी जाएगी। 12 लाख रुपये तक की आमदनी पर अब कोई आयकर नहीं लगेगा। इसमें जब स्टैंडर्ड डिडक्शन भी जोड़ देंगे तो वेतनभोगी लोगों के लिए 12.75 लाख रुपये की करयोग्य आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। मध्यम वर्ग पर सरकार ने विशेष ध्यान दिया है और व्यक्तिगत आयकर प्रणाली में सुधार किया है।
उन्होंने कहा कि टीडीएस की सीमा में बदलाव किए जाएंगे ताकि इसमें एकरूपता लाई जा सके। वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस में छूट की सीमा को 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया जाएगा। किराए से होने वाली आमदनी पर टीडीएस में छूट की सीमा को बढ़ाकर छह लाख रुपये किया जाएगा। वित्त मंत्री के अनुसार, नॉन-पैन मामलों में उच्च टीडीएस के प्रावधान लागू रहेंगे। अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने की सीमा को दो साल से बढ़ाकर चार साल कर दिया है। वित्त मंत्री के बजट 2024 के अनुसार पहले किसी करदाता की सालाना आय 7 लाख 75 हजार रुपये तो स्टैंडर्ड डिडक्शन के 75,000 रुपये घटाने के बाद उसकी आमदनी 7 लाख रुपये सालाना हो जाती थी। ऐसे में उसे कोई टैक्स नहीं देना पड़ता था। इसका मतलब है अगर किसी व्यक्ति का मासिक वेतन 64000 या 64500 रुपये के आसपास थी तो नई कर प्रणाली के तहत उसकी आमदनी टैक्स फ्री थी।
0-4 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं।
4-8 लाख की आय पर 5 प्रतिशत
8-12 लाख की आय पर 10 प्रतिशत
12-16 लाख की आय पर 15 प्रतिशत
16-20 लाख की आय पर 20 प्रतिशत
20-24 लाख की आय पर 25 प्रतिशत
24 लाख से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत
12 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वालों को इनकम टैक्स में 80 हजार रुपये का फायदा होगा।
18 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वालों को इनकम टैक्स में 70 हजार रुपये का फायदा होगा।
25 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वालों को इनकम टैक्स में 1.10 लाख रुपये का फायदा होगा।