किसानों के प्रदर्शन से सड़क जाम, सुप्रीम कोर्ट ने नेताओं को दी हिदायत

हाईवे जाम, बड़ी संख्या में फोर्स तैनात

नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसान दिल्ली कूच करने के लिए नोएडा के महामाया फ्लाईओवर पर एकत्र हुए। किसान नेता ने कहा कि सरकार और अधिकारियों के पास हमारी मांगें पूरी करने का समय है। इसके बिना हम अपने घर नहीं लौटेंगे। हमने उन्हें पहले ही अपने कार्यक्रम बता दिए हैं। अगर वे शाम तक कुछ घोषणा नहीं करेंगे, तो हम आगे अपने कार्यक्रम घोषित करेंगे। किसानों के दिल्ली कूच के एलान के साथ ही बॉर्डरों पर भारी संख्या में पुलिस बल और आरएएफ टीम को तैनात किया गया है। सभी किसान महामाया फ्लाइओवर के एकजुट हो गए हैं। जगह जगह बैरिकेटिंग की गई है। वहीं गाजियाबाद के यूपी गेट पर भी पुलिस तैनात है। 

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और अन्य किसान नेताओं से कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने किसान नेताओं से कहा कि 'वे प्रदर्शनकारी किसानों को राजमार्गों को बाधित न करने और लोगों को असुविधा न पहुंचाने के लिए मनाएं।' दरअसल किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की सदस्यता वाली पीठ ने सुनवाई की।

पीठ ने कहा कि 'हमने देखा कि उन्हें (डल्लेवाल) रिहा कर दिया गया है और उन्होंने शनिवार को एक साथी प्रदर्शनकारी को भी आमरण अनशन समाप्त करने के लिए राजी किया है'। पीठ ने कहा कि किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों को अदालत ने नोट कर लिया है और इन पर विचार किया जा रहा है। पीठ ने याचिकाकर्ता डल्लेवाल की वकील से कहा कि 'लोकतांत्रिक व्यवस्था में आप शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं, लेकिन इससे लोगों को असुविधा नहीं होनी चाहिए। किसानों का विरोध सही या गलत, हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं।' जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि 'डल्लेवाल प्रदर्शनकारियों को कानून के तहत शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने के लिए राजी कर सकते हैं ताकि लोगों को कोई असुविधा न हो।' पीठ ने कहा कि इस समय वे डल्लेवाल की याचिका पर विचार नहीं कर रही है, लेकिन वे बाद में संपर्क कर सकते हैं।