विजयी विश्व तिरंगा प्यारा झंडा ऊंचा रहे हमारा

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा झंडा ऊंचा रहे हमारा

हमारा देश आजादी का75 वें वर्ष में अमृत महोत्सव के रूप में जश्न में डूबा हुआ है।15 अगस्त 1947 को हमें अंग्रेजों की गुलामी से आजादी तो मिली लेकिन दुर्भाग्यवश देश के दो टुकड़े हो गए।दोनों देश जाति के आधार पर बट तो गये लेकिन भारत ने जहां बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के संविधान को सर्वोपरि मानकर निरंतर आगे बढ़ता गया,वहीं पाकिस्तान के नेतागण संविधान का नाजायज फायदा उठाते हुए देश को अशांत करता रहा और आज 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी स्वावलम्बी नहीं हो सके।लगातार हिन्दूस्तान पर बुरी नजर रखा और आतंकवाद के सहारे अस्थिर करने का नापाक कोशिश करते चले आ रहे हैं।

   लोकतंत्र के चार स्तम्भ माने जाते हैं,जिसमें विधायिका, न्यायपालिका, कार्यपालिका एवं चौथा स्तंभ पत्रकारिता जिसे मीडिया भी कहा जाता है।पत्रकारिता को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में दर्जा मिला है। मीडिया जो कि लिखित, मौखिक या दृश्य किसी भी रूप में हो सकती है जनता को जानकारी देती है कि किस जगह कानूनों का उल्लंघन हो रहा है तथा तीनों स्तम्भ अपनी जिम्मेदारी तथा निष्ठा से कार्य कर रहे हैं या नही । इस जानकारी के पश्चात निर्णय लेने की पूरी शक्ति जनता के विवेक पर निर्भर करती है।

मीडिया जो कि जनता तथा शासन दोनों के बीच एक माध्यम का काम करता है लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहलाता है। अब यह चौथा स्तंभ भी पूरी निष्ठा व जिम्मेदारी से काम करे इसकी जवाबदेही जनता की बनती है कि जनता अपने विवेक से मीडिया द्वारा दी गई जानकारी का सही प्रयोग करे। यहीं से लोकतंत्र मजबूत होता है। लोकतंत्र का घेरा लोगों द्वारा बनाई गई विधायिका से चलकर, कार्यपालिका, न्यायपालिका व मीडिया से होते हुए पुनः लोगों के पास ही आ जाता है। इस प्रकार लोकतंत्र इन चार स्तंभों पर टिका है इन चारों स्तंभों की मजबूती मिलकर एक मजबूत लोकतंत्र का निर्माण करती है।

 यह आवश्यक नहीं है कि प्रत्येक पत्रकारो की  एक ही सोच हो।जिस तरह इस देश में अनेक राजनीतिक दल है उसी प्रकार पत्रकार भी विभिन्न दलों में बंटे हुए नजर आने लगे हैं। पत्रकारों का एक पक्ष जहां सत्ता पक्ष के साथ होता है वहीं दूसरा पक्ष खामियों को गिनाने लगे रहते हैं।ऐसा सिर्फ भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में ही हो सकता है।वहीं कुछ मिडिया संस्थानों को इसका हश्र भी भोगना पड़ा है।

यदि लोकतंत्र को मजबूत बनाना है तो चौथे स्तम्भ को राजनीतिक दबाव से मुक्त रखना होगा।और पत्रकारों को भी हमेशा संविधान के अन्तर्गत लिखना और बोलना होगा,तभी आजादी का सार्थक रूप विश्व पटल पर दिखाई देगा और विजयी विश्व तिरंगा प्यारा झंडा ऊंचा रहे हमारा कहने में हर भारतीय को फक्र महसूस होगा।   क्राइम डॉन परिवार की ओर से देश, प्रदेश व शहरवासियों को आजादी की 75 वीं वर्षगांठ की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई ...

एडीटर के कलम से----