भिलाई विधायक का घर और बैंक अकाउंट अटैच

2011 में लोन में खरीदे घर के आधे हिस्से के साथ ही विधानसभा द्वारा दी जा रही सैलरी भी अटैच, विधायक ने पत्रवार्ता में दी जानकारी

भिलाई विधायक का घर और बैंक अकाउंट अटैच


भिलाई। भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव का घर और बैंक अकाउंट को ईडी द्वारा सीज कर लिया गया है। ईडी की नोटिस विधायक को 10 मई को प्राप्त हुई है। विधायक ने   गुरुवार को पत्रकारवार्ता में इसकी जानकारी दी। 
भिलाई विधायक देवेन्द्र यादव ने कहा कि उनकी लगभग 19 लाख 81 हजार 210 रुपए की संपत्ति ईडी द्वारा अस्थायी रूप से अटैच कर ली गई है। इसमें उनका बैंक अकाउंट जिसमें करीब 8 लाख 19 हजार रुपए तथा हाउसिंर्ग बोर्ड स्थित घर के आधे हिस्से करीब (12 लाख रुपए) को सीज कर लिया गया है। 
देवेन्द्र यादव ने आरोप लगाते हुए नियमानुसार ईडी को पहले सेक्शन 5 के तहत नोटिस भेजा जाना चाहिए। ऐसा न करते हुए जब्ती कार्रवाई की रिपोर्ट की प्रेस रीलिज जारी कर दी जाती है। यह गलत है। 9 मई को ट्वीटर के माध्यम से जानकारी दी जाती है और 10 मई को नोटिस मिलता है। उन्होंने कहा कि ईडी का दोहरा चरित्र गलत है। चिटफंड घोटाला, आॅन लाइन सट्टा आदि पर तब ईडी को कार्रवाई के लिए बोला जाता है तो कार्रवाई नहीं करते। केन्द्र के इशारे पर  ईडी द्वारा छत्तीसगढ़ के नेताओं को परशान करते हुए उनके छवि को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। विधायक देवेन्द्र यादव ने कहा कि उन्हें लोकतंत्र पर पूरा विश्वास है। जब विधायक देवेन्द्र यादव से पूछा गया कि आप कोयला घोटाया, मनी लांड्रिंग में शामिल रहे है क्या? तो इसके जवाब में विधायक देवेन्द्र यादव ने कहा कि वे इस प्रकार के अनैतिक कार्यों में कभी शामिल नहीं रहे। उन्हें ईडी द्वारा जबरन परेशान किया जा रहा है। 
ज्ञात हो कि विगत 9 मई को ईडी ने छत्तीसगढ़ राज्य में कोयला लेवी वसूली घोटाले में आईएएस सुश्री रानू साहू, सूर्यकांत तिवारी, विधायक देवेंद्र यादव, विधायक चंद्रदेव प्रसाद राय विधायक और अन्य की 90 अचल संपत्तियों, लग्जरी वाहनों, आभूषणों और 51.40 करोड़ रुपये की नकदी को अस्थायी रूप से कुर्क किया है।

विरोधी दल के इशारे पर माँ को परेशान कर रही ईडी

विधायक देवेन्द्र यादव ने मां को समन भेजने पर कहा कि, माँ महज बच्चे की जननी ही नहीं होती, बल्कि परिवार को संभालने का आधार होती है, लेकिन यहां तो ईडी परिवार को संभालने वाली 70 वर्षीय वृद्ध मां को परेशान कर रही है। विरोधी दल के इशारे पर मेरे परिवार को परेशान करने का कार्य कर रही है। मेरी मां को पहले तो नोटिस जारी किया। अब उनकी पुश्तैनी संपत्ति को अटैच कर सीज करने की कार्रवाई कर रही है। विधायक श्री यादव ने ईडी की संपत्ति अटैचमेंट की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि, जिस तरह से दुनिया का हर मां-बाप अपने बच्चों के रहने के लिए आश्रय बनाता है। मैं घर का सबसे छोटा सदस्य हूं इसीलिए ठीक उसी तरह से मेरी मां ने मेरे पिताजी के गुजर जाने के बाद जब मैं 21 वर्ष का हुआ तो  2011 में  बैंक से लोन लेकर हाउसिंग बोर्ड से 13 लाख में मकान खरीदा था। जब मकान खरीदा तब ढाई लाख रुपए जमा किया था । बाकी राशि को पंजाब नेशनल बैंक में किस्त के माध्यम से अदा किया और 2020 में लोन क्लीयर हुआ। जिसका पूरा रिकॉर्ड है। इसके बावजूद मेरी वृद्ध मां को समन जारी  कर परेशान कर दिया है। 

मेरे परिवार का कर दिया बंटवारा 
विधायक श्री यादव ने कहा कि ईडी ने मेरे नाम पर ज्यादा संपत्ति दर्शाकर मुझे बदनाम करने की नीयत से परिवार के पुश्तैनी घर का बंटवारा कर दिया।  ईडी ने मेरे नाम पर कुल 19 लाख 81 हजार 210 रुपए सीज किया है। इसमें छत्तीसगढ़ विधानसभा से मुझे मिलने वाली सैलेरी 8 लाख रुपए है और बाकी 10 लाख घर की कीमत का पैसा है। जो मेरी मां और बड़े भैय्या के नाम पर है। उस घर के आधा हिस्सा कर मेरे नाम पर जोड़कर 19 लाख रुपए बनाया है। 

केन्द्र नहीं चाहती छत्तीसगढ़ सरकार अच्छा काम कर रहे
केंद्र सरकार नहीं चाहती है कि छत्तीसगढ़ की सरकार अच्छा काम करती रहे। ईडी जिस तरह से व्यवहार कर रही हैं उसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट को देखना चाहिए कि बीते 9 सालों से गैर बीजेपी शासित राज्यों में केंद्रीय एजेंसियों का किस प्रकार दुरुपयोग हो रहा है। विधायक ने कहा कि जब सरकार ने बेहतर प्रदर्शन कर विकास का काम शुरू किया तभी से एजेंसियों का खेल शुरू हुआ। उन्होंने आरोप लगाया है कि ईडी अब राज्य में  पूरे सिस्टम को ठप करने का काम कर रही है। व्यापारी,अधिकारी और  जनप्रतिनिधियों को समन भेजती है। छापेमारी में कागजातों और नकदी बरामदगी की बातें सामने आती हैं, परंतु इस संबंध में औपचारिक सूचनाएं जारी नहीं की जाती हैं।