रेल आंदोलन समिति के प्रतिनिधि मंडल ने सांसद विजय बघेल से की मुलाकात
भिलाई। उत्तर भारत रेल यात्री सेवा समिति के पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल आज दुर्ग जिले के सांसद विजय बघेल से मुलाकात हेतु प्रातः उनके निवास पर पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने रेल मंत्री के नाम से एक पत्र सांसद विजय बघेल को सौंपते हुए उन्हें आंदोलन की जानकारी दी और उनसे आंदोलन के विषय पर दिल्ली में पहल करने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने रेल मंत्रालय द्वारा बनाए जा रहे नए-नए नियमों और आम लोगों से छीनी जा रही सुविधाओं के विषय में सांसद विजय बघेल से चर्चा करते हुए बताया कि एक तरफ लगातार छत्तीसगढ़ में विभिन्न मार्गों की यात्री गाड़ियों को मेंटेनेंस के नाम पर निरस्त कर दिया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी मिल रही है कि 5 साल से कम आयु के बच्चों का भी पूरा टिकट यात्रा के दौरान दिया जाएगा। ऐसी भी जानकारी प्राप्त हो रही है यात्री रेलवे के वेटिंग हॉल में इंतजार करते हैं तो प्रति घंटे के हिसाब से धन वसूली की जाएगी। उत्तर भारत की तरफ जाने वाली सभी गाड़ियों में बारहों महीने वेटिंग लिस्ट बनी रहती है इसके बावजूद अधिकांश रेल गाड़ियां साप्ताहिक चलाई जा रही हैं। पूर्व– उत्तर भारत की तरफ जाने वाले छत्तीसगढ़ के नागरिकों को बहुत गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वरिष्ठ नागरिकों को आरक्षण में दी जा रही सुविधाओं को भी पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। किराए में बेतहाशा वृद्धि कर दी गई है। ऐसी बातों के कारण सरकार और रेल मंत्रालय के विरुद्ध आम लोगों में आक्रोश फैल रहा है। प्रतिनिधिमंडल ने सांसद बघेल से अपेक्षा की, कि सांसद इस विषय को संसद में अवश्य उठाएंगे। प्रतिनिधिमंडल में प्रमुख रूप से आंदोलन के सूत्रधार प्रभुनाथ मिश्र, अधिवक्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता सतीश कुमार त्रिपाठी, अधिवक्ता जमील अहमद, सूबेदार सिंह, त्रिलोक मिश्रा सहित मौदहा नगर पालिका उत्तर प्रदेश के पूर्व पार्षद मुन्ना बॉर्डर भी उपस्थित रहे। सांसद विजय बघेल ने आश्वासन दिया है कि वह पत्र रेल मंत्रालय को भेजेंगे और मांगों पर कार्यवाही करने हेतु आग्रह करेंगे।