मोबाइल टावर लगाने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग के मास्टर माइंड सहित 3 महिला गिरफ्तार

पश्चिम बंगाल 24 परगना में कॉल सेन्टर के नाम पर ऑफिस चलाकार लोगों से करते थे ठगी

मोबाइल टावर लगाने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग के मास्टर माइंड सहित 3 महिला गिरफ्तार

रायगढ़ के जेल में कैद आरोपियों को दुर्ग पुलिस ने रिमांड पर लाया
भिलाई। एयरटेल कंपनी का टावर लगाने के नाम पर ठगी करने वाले एक पुरूष सहित तीन महिलाओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों द्वारा थाना पाटन के  प्रार्थी तेजेन्द्र चकघर से टावर लगाने के नाम पर 59460 रुपए की ठगी की गई थी। वहीं कर्वधा जिला में एक व्यक्ति से 21 लाख रुपये, धमतरी जिला से 3 लाख 36 हजार  रुपये, धमधा दुर्ग क्षेत्र से 90 हजार रुपये, शिवनी मध्य प्रदेश से 38460 रुपये के घटना का अंजाम दे चुके हैं। गिरफ्तार आरोपियों में मास्टर माइंड बरुण सिंह उर्फ मयंक सिंह पिता मंगल सिंह उम्र 39 साल निवासी बुकानेकला थाना पटाही जिला पूर्वी चंपारण मोतीहारी बिहार हाल पता- सुभाष नगर दमदम थाना दमदम इटालगाछा रोड पश्चिम बंगाल, आसिमा राय पिता मोहम्मद मंसूर अली उम्र 30 साल निवासी दत्तारोड बागपारा अपोलो हास्पिटल के सामने थाना विधान नगर सीसी ब्लाक जिला नार्थ 24 परगना पश्चिम बंगाल, दीपिका मण्डल पिता सपन मण्डल उम्र 26 वर्ष निवासी दत्ताबाद रोड साल्टलेक कोलकाता तथा स्नेहा पाल पिता दुलालचंद पाल 25 वर्ष पता 1 / बी -5 रामलाल आगरवाला लेन मेघदुत अपार्टमेंट के सामने घोषवारा थाना बड़ानगर कोलकाता  शामिल हैं। आरोपीगण छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले की जेल में कैद थे, उन्हें रिमांड पर दुर्ग पुलिस द्वारा लाया गया है। इसके पूर्व रायगढ़ पुलिस ने ठगी के एक मामले में कोलकाता के कॉल सेंटर में छापा मार आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया था। जिला रायगढ़ के पुसौर पुलिस ने आरोपियों से 44 नग मोबाईल, 22 नग डायरी, एक मोटर साइकिल बुलेट को जब्त किया था। पुलिस ने यह भी बताया कि उस काल सेंटर में करीब 22 कर्मचारी कार्यरत थे।
पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव ने पत्रकारवार्ता में मामले का खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि आरोपियों द्वारा लोगों को फोन लगाकर उसके खेत में एयरटेल कंपनी का मोबाईल टावर लगाने के एवज में कंपनी द्वारा एडवांस में 15 लाख रुपए, टावर लगने के बाद प्रति माह 20 हजार रूपये तथा घर के एक सदस्य को नौकरी देने का झांसा देकर लोगों के साथ ठगी किया जाता था। आरोपियों के सभी बैंक खाते को पुलिस ने सीज कर दिया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि प्रार्थी तेजेन्द्र कुमार चक्रबर निवासी खुडमुड़ी थाना पाटन ने दिनांक 24.11.2022 को एक लिखित आवेदन पेश कर बताया कि आरोपीया दीपिका मंडल के द्वारा एयरटेल मोबाईल कंपनी कोलकाता से बात कर रही हूँ कहकर प्रार्थी के खेत में एयरटेल कंपनी का मोबाइल टावर लगाने के एवज में कंपनी द्वारा एडवांस में 15 लाख रुपए, टावर लगने के बाद  प्रति माह 20 हजार रूपये तथा घर के एक सदस्य को नौकरी भी दी जाएगी।  डाक्यूमेंट तैयार करने के लिये प्रोसेसिंग चार्ज के रूप में 60 हजार रूपया लगेगा जिसे आप किस्तों में दे सकते है कहकर झांसा देकर प्रार्थी के साथ दिनांक 23.06.2022 को अपने मोबाइल से काल कर दिनांक 25-27-28/06/2022 तथा दिनांक 04/07/2022 को किश्तवार उनसे क्रमश: 10 हजार 260, 6 हजार, 11 हजार 200, 32 हजार रुपए कुल 59460 रुपए की ठगी किया है। का गी किया है जिस संबंध में प्रार्थी द्वारा लिखित आवेदन पेश करने पर थाना पाटन में अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया है।

ग्राफिक डिजाइनर का काम छोड़ बना ठगी का मास्टरमाइंड
आरोपी बरुण सिंह उर्फ मयंक सिंह ने बताया कि वह कक्षा 12 वीं तक पढ़ा है। बिहार का निवासी है और कोलकाता में नौकरी करता था। वे वर्ष 1999 से 2007 तक राजा राम मोहन राय सालिनी रोड कोलकाता स्थित ग्लोबल एडवर्ड कंपनी में ग्राफिक डिजाइनर का काम करता था। वर्ष 2008 में सिक्यूरिटी इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड में वर्ष 2017 तककाम किया है। प्रति माह 22500 रुपये वेतन मिलता था। इसके बाद सिक्यूरिटी प्राईवेट लिमिटेड का काम छोड़ कर कुछ दिन ऐवर फेस मार्केटिंग प्राइवेट कंपनी के आड़ में टावर लगाने के नाम पर चल रहे ठगी कार्य में काम किया तथा इसके बाद विनायक इन्फोटेक कंपनी और मंडल इन्टरप्राईजेस में भी कुछ दिन जुड़कर ठगी कार्य सीखा और पूरी तरह से कार्य सीखने बाद वर्ष 2018 में स्वयं का ठगी कार्य प्रारंभ किया। इसके बाद में काम करने के लिये लोगों को जोड़ते गया। लोगों से में काम करने के लिये उनका बायोडाटा फोटो सहित लेता था में वर्ष 2021 में सुभाष नगर में सुपर मार्केट के पास स्थित अतानू भट्टाचार्य के मकान के प्रथम तल में एक कमरा ए-15 को काल सेंटर चलाने के लिये 7000 रुपए में किराये पर लेकर एयरटेल कंपनी का टावर लगाने के नाम पर काल सेंटर और ऑफिस का संचालन प्रारंभ किया था। ठगी कार्य में तेजी आने के बाद अतानू भट्टाचार्य के 7 कमरों को भी 7000 रुपए में किराये पर लेकर काल सेंटर एवं आफिस संचालित करने लगा। उक्त कॉल सेंटर में स्नेह पाल, आसिमा राय, दीपिका मण्डल को ठगी काम करने के लिये रखा था। इन महिलाओं को लोगों के साथ ठगी कैसे करनी है इसकी पूरी ट्रेनिंग भी दी गई। इन सभी को प्रशिक्षण देने के बाद काल सेंटर में काम करने वाले दीपिका मंडल को काल सेंटर का मैनेजर नियुक्त किया था। 

मैनेजर व नौकरानी के नाम से आरोपी ने खोला था बैंक खाता
काल सेन्टर में काम करने वाले सभी लोगों को ग्राहकों से बात करने के लिये एक-एक की पेड मोबाइल तथा ग्राहको का नाम पता नोट करने के लिये एक डायरी कापी दिये तथा मोबाइल का सीम भी देता था। काल सेंटर मे काम करने वाले सभी का पर्सनल मोबाइल नंबरों का वाट्सअप ग्रुप राधे राधे नाम से बनाया था जिसमें काल सेंटर में आने जाने किये गये कार्य के बारे में जानकारी देता था । काल सेंटर में मोबाईल नंबर 8902251001 में वाट्सअप चलाकर ग्राहकों से दस्तावेज मंगाते थे। यह मोबाईल दीपिका मंडल को दिया था।  जिन ग्राहकों को फंसाते थे उनसे कमर्शियल चार्ज के नाम पर 10260, 10360, 10460 रूपये भेजने को कहते थे। इसके बाद ग्राहको से पूरी जानकारी लेकर टावर कंपनी के अधिकारी के रूप में बात करता था और एनओसी चार्जेस के लिये 17200 रूपये, बैंकिंग चार्ज के लिये 72000 रूपये तथा बीमा के लिये 32000 रूपये लगना है बोल कर ठगी करता था। 

फर्जी नामों का किया जाता था इस्तेमाल
इसके बाद में अपने लैपटाप से टावर का एनओसी फॉर्मेट निकालकर भेजकर पुन: पैसा की मांग करते थे। रकम भेजने के लिये ग्राहको के लिये अपने मैनेजर दीपिका मंडल के बैंक आफ बड़ौदा के खाता क्रमांक 77830100006603 तथा आसमा राय के कैनरा बैंक के खाता क्रमांक 1100322635822 को दिया जाता था। आसिमा राय के केनरा बैंक के खाता में आरोपी  बरुण सिंह मोबाईल नंबर 8617776775 लिंक करा के रखा था। ग्राहकों से बात करने के लिये लड़कियों की फर्जी नाम अल्का शर्मा, पूजा शर्मा, अंकिम सिंह का उपयोग किया जाता था। आरोपी ने बताया कि ठगी के रकम को में आसिमा राय के खाता में आये पैसा को अपने खाता में ट्रांसफर फोन पे के माध्यम से करा लेता था तथा दीपिका मंडल के खाता में आये पैसा को एटीएम से निकालता था। प्रत्येक माह टंगी के रकम को कॉल सेंटर में काम करने वाले मैनेजर दीपिका मंडल, स्नेहा पाल, आसिमा राय को वेतन के रूप में हिस्सेदारी देता था।