बिजली-शिक्षा तो भूल जाइए, पाकिस्तान में खाने तक के लाले
नई दिल्ली (एजेंसी)। पाकिस्तान अपने अस्तित्व के सबसे बड़े संकटों में से एक को झेल रहा है। पाकिस्तान के आर्थिक हालात बेहद खराब हैं और अब हालात ये हो गए हैं कि पाकिस्तान की आम जनता सड़कों पर उतर आई है और विरोध प्रदर्शन कर रही है। पाकिस्तान दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गया है। आईएमएफ के साथ बेलआउट पैकेज को लेकर हो रही बातचीत भी असफल हो गई है, जिससे पाकिस्तान को फौरी तौर पर कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है। सबसे बुरे हालात पाकिस्तान की आम जनता के हैं, जिसकी कमर बढ़ती महंगाई से टूट चुकी है और अब हालात ये हैं कि लोग खाने की चिंता कर रहे हैं और शिक्षा और अन्य चीजें कहीं ना कहीं हाशिए पर चली गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान के एक स्थानीय सीफूड व्यापारी ने बताया कि महंगाई के चलते उसकी बिक्री आधी रह गई है। खासकर मध्य वर्गीय लोगों ने बाजारों से दूरी बना ली है और सिर्फ धनी वर्ग ही बढ़ती महंगाई का सामना कर पा रहा है। इसी तरह एक पेट्रोल पंप के मैनेजर ने बताया कि उनके पेट्रोल पंप पर भी तेल की बिक्री में खासी गिरावट आई है। पहले जहां पेट्रोल पंप पर ग्राहकों की लंबी लाइन होती थी, वहां आज पेट्रोल पंप लगभग खाली रहते हैं। इसकी वजह है पाकिस्तान में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 262 रुपए होना। निम्न आय वर्ग के लोगों को तो पाकिस्तान में अपना घर खर्च चलाने के लिए भी उधार लेना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि जिंदगी जीनी बहुत कठिन हो गई है लेकिन ऐसे हालात में वह कुछ कर भी नहीं सकते।
पाकिस्तान के किसानों के भी हालात बुरे हैं। बढ़ती महंगाई ने किसानों की लागत को कई गुना बढ़ा दिया है। महंगी बिजली और मजदूरी में आए उछाल से खेती मुनाफे का सौदा नहीं रह गई है। साथ ही बिजली की कमी भी पाकिस्तानी जनता के लिए मुसीबत बनी हुई है। पाकिस्तान के किसान मोहम्मद राशिद का कहना है कि 'हमारे पास पर्याप्त खाना नहीं है, ऐसे में बिजली, शिक्षा और कपड़े का इंतजाम कहां से करें'।