हुडको कालीबाड़ी के संबंध में न्यायालय व प्रशासन को गलत जानकारी देने वालों पर हो कठोर से कठोर कार्रवाई
भिलाई। भिलाई शहर जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं पूर्व पार्षद सौरभ दत्ता ने जारी विज्ञप्ति में कहा की कुछ स्वार्थी लोगों द्वारा हुडको कालीबाड़ी मंदिर जो कि पिछले 35 से 40 वर्ष से निर्मित है अपने निजी स्वार्थों को साधने के दृष्टि से न्यायालय में याचिका लगाकर मंदिर के संबंध में गलत जानकारी देते हुए काली मंदिर को अवैध बताते हुए हुडको स्थित काली मंदिर को तोड़ने हेतु साजिश की जा रही है। दत्ता ने कहा कि ऐसे व्यक्तियों के मंसूबा कभी पूरा नहीं होगा। काली मंदिर हिंदू धर्म के हजारों लाखों लोगों के आस्था श्रद्धा जुड़ी हुई हैं। सौरभ ने कहा कि उनका न्यायालय पर पूरा भरोसा है एवं न्यायालय तथा शासन को वस्तुस्थिति एवं जनमानस के भावनाओं के तहत सही निर्णय सभी पक्षों की जांच कर मंदिर के हित में आएगा। साथ ही हजारों हिंदू धर्म के अनुयाई के श्रद्धा एवं उनकी आस्था को ध्यान में रखते हुए उच्च न्यायालय द्वारा सही निर्णय लिया जाएगा। जिला प्रशासन द्वारा भी न्यायालय को वस्तुस्थिति को ध्यान में रखते हुए सही पक्ष पेश किया जाएगा। ज्ञात हो कि हुडको कालीबाड़ी जोकि 40 वर्ष पहले पूर्व में निर्माण की गई है एवं संस्था द्वारा मंदिर का रजिस्ट्री के संदर्भ में एवं आवंटन के संबंध में लगातार बीएसपी टाउनशिप प्रबंधन से समय-समय पर पत्राचार किया जा चुका है। साथ ही हुडको में कालीबाड़ी सहित अन्य धार्मिक संस्था द्वारा जो धार्मिक भवन बनाए गए हैं सभी आस्था का केंद्र है एवं उच्च न्यायालय और जिला प्रशासन सभी हिंदू धर्म के भावनाओं को ध्यान में रखते हुए सही निर्णय लेगी।। दत्ता ने कहा कि जिन लोगों ने याचिका दायर की है उनके द्वारा अपने निवास स्थान में भी अतिक्रमण किया गया है इसकी भी जांच होनी चाहिए। सौरभ दत्ता ने कहा कि किसी भी धार्मिक स्थान आस्था के स्थान में नुकसान पहुंचाने के मंसूबे से कार्य करने वाले ऐसे व्यक्तियों का हिंदू धर्म एवं भिलाई बंगाली समाज हमेशा मजबूती से सामना करने के लिए तत्पर रहेगी। सक्षम न्यायालय शासन प्रशासन संपूर्ण विषय की जांच कर सभी पक्षों को देखते हुए उचित निर्णय लें यह उम्मीद की जाती है। श्री दत्ता ने अपील किया है की कालीबाड़ी मंदिर की रक्षा के लिए समस्त हिंदू धर्म के अनुयाई सहित बंगला समाज के लोग एकजुट होकर इस गंभीर विषय पर एकजुटता दिखाते हुए मंदिर बचाने में सहभागिता निभाएं।