कालीबाड़ी मंदिर में हथोड़ा चलाने के निर्देश का विरोध

कालीबाड़ी मंदिर में हथोड़ा चलाने के निर्देश का विरोध

भिलाई। 35 साल पुरानी रविन्द्र निकेतन हुडको कालीबाड़ी मंदिर के मंदिर , सांस्कृतिक भवन व मंच को तोड़ने के लिए जिला न्यायालय अतिरिक्त तहसीलदार दुर्ग द्वारा मां दुर्गा पूजा से पहले 13 सितम्बर मंदिर समिति को दिए गए नोटिस के खिलाफ़ छत्तीसगढ़ बंगाली मित्र समाज के प्रदेशाध्यक्ष सुमन शील ने दुर्ग नजूल तहसीलदार की ओर से किए गए कार्रवाई को तुष्टीकरण का नाम देते हुए कड़ी शब्दों में निंदा व्यक्त किया है और प्रशासन को चेतावनी दी है कि इस मंदिर से संबंदित किसी भी निर्माण को तोड़ने से हजारों लोगों की भावनाएं आहत होगी जिसे कतई बर्दाश्त नही किया जाएगा । हुडको कालीबाड़ी मंदिर के विरुद्ध किए जा रहे कार्रवाई पर सामाजिक कार्यकर्ता सुमन शील ने प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर कार्रवाई को गलत ठहराते हुए बताया कि मंदिर अगर इनके दृष्टि से अवैध कब्जा है तो 35 साल से क्या प्रशासन सो रहा था और उनके पहले के अधिकारी आंख मूंदकर घर में बैठे थे और तो और हुडको कालीबाड़ी मंदिर में विभिन्न जनप्रतिनिधियों के मद से प्रशासन के सहमति के पश्चात ही विभिन्न निर्माण कार्य हुए हैं । यदि भूमि प्रतिबंधित एवं कब्जा रहा था तो तो उस प्रतिबंधित भूमि पर निर्माण कार्य नहीं कराए जाने थे , मंदिर से जुड़े निर्माणों के ऊपर शासकीय खर्च करते हुए मंदिर पर हथोड़ा चलाने की बात कर रहे हैं जो अनुचित व गलत है । मंदिर पर हाथ लगाने से पहले हुडको में बने हुए मस्जिद निर्माण एवं समस्त गलत निर्माण को तोड़ने का कार्य प्रारंभ किया जाए क्योंकि उससे पहले किसी भी कीमत पर हुडको कालीबाड़ी मंदिर को तोड़ने नहीं दिया जाएगा इसको लेकर किसी भी स्तर पर आंदोलन एवं एवं कानूनी रूप से लड़ाई करना पड़े तो किया जाएगा ।