मनोज राजपूत लेआउट के अवैध निर्माण को निगम ने किया ध्वस्त

मनोज राजपूत लेआउट के अवैध निर्माण को निगम ने किया ध्वस्त

दुर्ग। बाईपास रोड टोल प्लाजा के समीप स्थित मनोज राजपूत ले आउट प्राइवेट लिमिटेड की बाहरी संरचना को प्रशासन व निगम के अमले ने बुधवार को ध्वस्त कर दिया। अवैध प्लाटिंग के मामले में शहर के भीतर हुई यह सबसे बड़ी कार्यवाही है। मनोज ले आउट के मुख्य व्दार व सड़क के सामने की बाउन्ड्रीवाल को तोड़ दिया गया है।


जानकारी के अनुसार प्रशासन से एस.डी.एम. मुकेश रावटे, तहसीलदार प्रकाश सोनी, निगम आयुक्त हरेश मंडावी नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के उपसंचालक श्री बडग़ैय्या दल बल के साथ चार जे सी बी लेकर सुबह 9 बजे पहुंचे। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद था। इसके बाद दल ने अवैध भूमि विकास के क्षेत्र को चिन्हित किया इसके बाद कार्यवाही शुरु की। सबसे पहले मनोज ले आउट के मुख्य व्दार व वहां निर्मित केबिन को ध्वस्त किया गया। इसके बाद सड़क के किनारे की बाउन्ड्रीवाल तोड़ी गई। इसके बाद मुख्य व्दार के पास सड़क को जीर्ण शीर्ण कर दिया। प्रशासन व निगम की यह कार्यवाही लगभग दो घंटे तक चली। इसके बाद अमला वापस लौट गया।
संभागायुक्त के निर्देश पर हुई कार्यवाही
मनोज राजपूत ले आउट प्राइवेट लिमिटेड व्दारा शासन से अनुमति लिए बिना ले आउट एप्रुव्ड कराए बगैर पिछले कई वर्षों से कृषि भूमि को छोटे छोटे प्लाट के रुप में काटकर विक्रय किया जा रहा है। इस मामले में प्रशासन व नगर निगम से दजर्नों बार शिकायत की गई है लेकिन इस मामले में कोई कायर्वाही नही की गई। दुर्ग संभाग के आयुक्त महादेव कांवरे के सामने यह प्रकरण आया तब उन्होंने इसे संज्ञान में लेकर पटवारियों से प्रतिवेदन मंगाया। पटवारियों ने अपने प्रतिवेदन में कहा है कि खेतों की मेड़ को तोड़कर समतल कर दिया गया है और सड़क बना दी गई है। परिणाम स्वरुप संभागायुक्त ने कार्यवाही के निर्देश दिए और कार्यवाही की गई।


प्लाट खरीदने वालों का भी फूटा गुस्सा
मनोज ले आउट में की जा रही तोडफोड़ की कायर्वाही की खबर मिलते ही प्लाट खरीद चुके दजर्नों लोग घटना स्थल पर पहुंचे। इनका गुस्सा  देखने लायक था। प्लाट खरीदने वालों का कहना था कि यहां प्लाट की बिक्री का कारोबार दस साल से ज्यादा समय से चल रहा है। लगातार शिकायत भी की जा रही है लेकिन प्रशासन व नगर निगम ने इससे पहले कायर्वाही क्यों नही  की। कायर्वाही में विलंब क्यो हुआ है। प्लाट खरीदने वाले कई लोगों का कहना था कि उनके व्दारा खरीदी गई जमीन की रजिस्ट्री तो हो गई है लेकिन प्रमाणीकरण अभी तक नही हुआ है।



मनोज के समर्थकों ने की नारेबाजी
प्रशासन व नगर निगम व्दारा की गई तोड़ फोड़ की कार्यवाही को एक तरफा बताते हुए मनोज राजपूत व उसके समर्थकों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। नारेबाजी करने वाला कहना था कि कार्यवाही से पहले तीन दिन या एक सप्ताह का नोटिस दिया जाना था और इसका जवाब मांगा जाना था लेकिन ऐसा नही किया गया। कार्यवाही विधि सम्मत नहीं हुई है।