धू-धू कर जले अहंकारी रावण और मेघनाथ के पुतले, धूमधाम से मनाई गई विजयादशमी
चरोदा के दशहरा में लेजर ई-आतिशबाजी देखने उमड़ी भीड़
आदिवासी गेड़ी नृत्य सहित छत्तीसगढ़िया पारम्परिक नृत्य का भी हुआ आयोजन
भिलाई। बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजयादशमी धर्मनगरी और ग्रामीण क्षेत्रों में धूमधाम से मनाया गया। जगह-जगह रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले दहन किए गए। रावण दहन से पहले से मैदान खचाखच भर गया। शाम को भगवान श्रीराम ने अग्नि बाण चलाकर अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की विजय स्वरूप पुतलों को अग्नि में समाहित कर संपूर्ण समाज को धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश दिया।
चरोदा में दशहरा का भव्य आयोजन हुआ जिसमें काकीनाड़ा के फटाखों के साथ महाराष्ट्र के लेजर म्यूजिकल ई-आतिशबाजी के साथ डौंडीलोहारा वनांचल से आए गेड़ी-नृत्य और क्षेत्र के प्रसिद्ध कलाकार संतोष कुर्रे की टीम द्वारा डीजे के साथ विभिन्न पारम्परिक नृत्यों की मनमोहक प्रस्तुतियां दी गई।
70 फीट के रावण दहन व कार्यक्रमों की मधुर प्रस्तुति के साथ अध्यक्ष तीजराम वर्मा के आव्हान पर हजारों की भीड़ ने प्रभु श्री राम-मय होकर एकसाथ अपने मोबाइल के टॉर्च से रोशनी करते हुए राम-भक्ति में झूमने लगे। अतिथि के रूप में विजय बघेल, डोमनलाल कोरसेवाड़ा, शशिकांत बघेल ने क्षेत्रवासियों का अभिवादन करने के साथ शुभकामनाएँ दी। अतिथिगण व दर्शकों ने दशहरा कमेटी के भव्य आयोजन की खुब सराहना की।