सुहागिनों ने सिंदूर खेलकर मां दुर्गा को नम आँखों से दी विदाई
भिलाई। शारदीय दुर्गोत्सव के अंतिम दिन विजयदशमी को बंगाली समाज की महिलाओं द्वारा सिंदुर उत्सव का आयोजन किया गया।
बंगाली समाज के साथ ही अन्य समाज की महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में माँ दुर्गा को सिंदूर लगाकर पूजा-अर्चना की एवं एक-दूसरे को भी सिंदूर लगाया। सिंदूर खेला को देवी सिंदूर वरन के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार मां दुर्गा जब मायके से विदा होकर ससुराल जाती है तो उनकी मांग सिंदुर से सजाई जाती है। इसके बाद सुहागिन स्त्रियां एक-दूसरे को सिंदुर लगाकर शुभकामनाएं देती हैं। मान्यता है कि इससे सुहागिनों को सौभाग्यवती होने का वरदान प्राप्त होता है। भिलाई के हुडको कालाबाड़ी, हाउसिंग बोर्ड कालीबाड़ी, सेक्टर 6 कालीबाड़ी सहित इस्पात नगर रिसाली, रूआबांधा, सेक्टर 7 पानी टंकी मैदान, सेक्टर 4, स्मृतिनगर आदि पूजा पंडालों में सिंदूर खेला का आयोजन किया गया।