क्या रामानंद मौर्या होंगे वैशालीनगर विधानसभा से कांग्रेस का विधायक प्रत्याशी?
भाजपा के रिकेश सेन को सिर्फ पार्षद रामानंद मौर्या ही दे सकता है टक्कर
भिलाई। निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की तिथि घोषित कर दी गई है। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशियों के नामों की घोषण हो चुकी है, लेकिन कांग्रेस ने अभी तक कोई सूची जारी नहीं की है। सबकी नजर अभी वैशालीनगर विधानसभा की ओर है। वैशालीनगर विधानसभा से कांग्रेस पार्टी से करीब 68 लोगों ने टिकट के लिए दावेदारी पेश की है। सभी को सूची का इंतजार है। इस बीच एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वैशालीनगर विधानसभा से वार्ड क्रमांक 19 के पार्षद रामानंद मौर्या को कांग्रेस हाईकमान टिकट दे सकती है। राजनीतिक गलियारो में इसकी चर्चा जोरों से चल रही है। यह जरूरी नहीं है कि सिर्फ आवेदन करने वाले को ही कांग्रेस पार्टी द्वारा वैशालीनगर के लिए टिकट दिया जाएगा।
ज्ञात हो कि कांगे्रस पार्टी के संभावित सूची में मुकेश चन्द्राकर, संदीप निरंकारी, इंन्द्रजीत सिंह छोटू, पूर्व सैनिक राजेश चौधरी के नामों की चर्चा जोरों पर है। सभी टिकट मिलने का दावा कर रहे हैं। वहीं इस बीच वार्ड 19 के पार्षद रामानंद मौर्या का नाम अचानक सामने आने लगा है। सूत्रों की माने तो कांगे्रस हाईकमान वैशालीनगर के लिए रामानंद मौर्या के नाम पर भी मंथन कर रहे हैं। इसकी कई वजह भी है।
आखिर रामानंद मौर्या ही क्यो?
भाजपा ने वैशालीनगर से पार्षद रिकेश सेन को टिकट दिया है। रिकेश सेन लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। हर सुख दुख में वे हमेशा वार्डवासियों के करीब होते हैं। लॉकडाउन के समय भी वार्ड वासियों के लिए रिकेश सेन ने कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं। इसी प्रकार वार्ड 19 के पार्षद रामानंद मौर्या भी लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। जब वे निर्दलीय चुनाव लड़े थे तो अपने प्रतिद्वंदियों को पछाड़ते हुए भारी मतों से जीत हासिल की थी। कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन में रामानंद मौर्या ने भी अपने वार्डवासियों के लिए कई उल्लेखनीय कार्य किए है। आम जनता का कहना है कि भाजपा के रिकेश सेन को अगर कांग्रेस पार्टी से कोई टक्कर दे सकता है तो वह सिर्फ रामानंद मौर्या ही है। अगर कांग्रेस हाईकमान रामानंद मौर्या को टिकट देती है तो सबसे बड़ा मुकाबला वैशालीनगर विधानसभा में देखने को मिलेगा। वहीं इस विषय में रामानंद मौर्या से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि वे वैशालीनगर विधानसभा के लिए दावेदारी नहीं की है लेकिन अगर हाईकमान उन्हें मौका देते हैं तो वे उनके निर्देशों का पालन करेंगे। क्योंकि हाईकमान का निर्देश ही सर्वोपरी है।