खुद के किए पापों पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं अरुण वोरा, अब तय है विदाई-जितेन्द्र वर्मा

खुद के किए पापों पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं अरुण वोरा, अब तय है विदाई-जितेन्द्र वर्मा

दुर्ग। महज चंद घंटों की बारिश में दुर्ग शहर की निचली बस्तियों और कॉलोनियों में जल भराव की स्थिति के बाद दुर्ग शहर में अरुण वोरा के घूमने पर कटाक्ष करते हुए जिला भाजपा अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा ने कहा कि अरुण वोरा खुद के किए पापों पर घड़ियाली आंसू बहाने निकले हैं। जल भराव से पीड़ित शहर की जनता की समस्याओं और परेशानियों के प्रति अरुण वोरा संवेदनशील होते तो शहर की आज ऐसी दुर्गति नहीं होती। दुर्ग शहर की जनता को परेशानी में डालने वाले स्वयं अरुण वोरा है जिन्होंने नगर निगम में कठपुतली महापौर को बैठाकर नगर निगम की कमान अपने हाथ में रखी और नगर निगम के माध्यम से बेतहाशा भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी करके दुर्ग शहर का बंटाधार किया। अरुण वोरा जैसे फोटोबाज और छपासी जनप्रतिनिधि जनता की भावनाओं से खिलवाड़ करते हैं, पहले जनता को परेशानी में डालते हैं और बाद में घड़ियाली आंसू बहाने के लिए निकल पड़ते हैं। ऐसे फोटोबाज जनप्रतिनिधि के कारण ही दुर्ग शहर की जनता को ना तो अच्छी सड़कें मुहैया हो पा रही है, ना ही ऐसी नालियां मिल पा रही है जिससे पानी की निकासी हो, उल्टे चंद घंटे की बारिश में निचली बस्तियों और कॉलोनियों में तीन-तीन फीट पानी भर रहा है। अरुण वोरा के विधायक होने का खामियाजा आज दुर्ग शहर की जनता भुगत रही है। अरुण वोरा जैसे नौटंकीबाज नेता को दुर्ग शहर की जनता अच्छे से पहचान चुकी है, जो पौने दस साल तक केवल फोटोबाजी और छपासी करके जनता को दिग्भ्रमित करते रहे, मुख्यमंत्री के पास जाकर शिकायत करते रहे कि दुर्ग के कलेक्टर मेरी बात नहीं सुनते और अब शहर के अंदर बाढ़ की स्थिति बनने के बाद अधिकारियों को निर्देश देने का नाटक कर रहे हैं, जो अधिकारी पौने 10 साल तक अरुण वोरा की बात नहीं सुनते थे, वो क्या अब चला चली की बेला में उनका निर्देश मानेंगे? अरुण वोरा दुर्ग की जनता को नासमझ ना समझे, दुर्ग की जनता के सामने उनकी कलई खुल चुकी है, दुर्ग की जनता के लिए वो अभिशाप बन चुके हैं, जनता अरुण वोरा से मुक्ति पाने के लिए पूरी तरह तत्पर है। अकर्मण्य, निष्क्रिय और फोटोबाज अरुण वोरा की विदाई अब तय है।