आप मनाते रहे 15 अगस्त की सेलिब्रेशन उधर प्रशासन की लापरवाही और दुर्ग जिले की डॉक्टर की वजह से गई युवक की जान, एक परिवार से उठ गया मुखिया का साया
कार्यवाही से बचने झोलाछाप डॉक्टर ने मृतक के परिवार से कर डाला भरण पोषण का इकरारनामा
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दुर्ग जिले की फर्जी डॉक्टरों के जानकारी देने के बाद भी प्रशासन द्वारा नहीं की जाती है कार्रवाई
भिलाई। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से एक बड़ा मामला प्रकाश में आए हैं। जहां एक और आज पूरा देश 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस की खुशियां मना रही है तो वहीं आज डॉक्टर के गलत इलाज के कारण एक परिवार से उसका साया छिन गया। साफ शब्दों में परिवार चलाने वाले युवक की मौत हो गई। ज्ञात होगी आजाद हिंद टाइम्स द्वारा दुर्ग जिले की सीएमएचओ डॉ. जे पी मेश्राम को दुर्ग जिले में संचालित कई फर्जी डॉक्टरों की क्लिनिक जानकारी दी गई थी लेकिन आज तक उसमें कारवाई नहीं हो पाई। इस तरह फार्मेसी के डिग्री लेकर या फर्जी डिग्रियां धारण कर लोगों के जिंदगी से खेलते डॉक्टरो के खिलाफ नकेल कसने जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों व्दारा कोई कदम नहीं उठाये जाने का खामियाजा इसी तरह कुम्हारी नगर पालिका और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जान देकर उठाना पड़ रहा है। इस विषय में जब आस्था क्लिनिक के डॉ. एस के सोनवानी से चर्चा के लिए फोन की गई तो उनका मोबाइल बंद पाया गया। सीएमएचओ दुर्ग Dr. जे पी मेश्राम ने भी फोन नहीं उठाया। वही ताज्जुब की बात है कि कार्यवाही से बचने उस डॉक्टर द्वारा इकरारनामा में हस्ताक्षर कर परिवार की भरण पोषण की जिम्मेदारी ली गई है। समाचार लिखे जाने तक युवक का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया था। बिना पोस्टमार्टम के अंतिम संस्कार होने के साथी सारे सबूत भी मिट जाएंगे। झोलाछाप डॉक्टर की कई ऐसी लंबी लिस्ट है जो कभी पंचर बनाया करता, कभी बिजली का कार्य करता था जो बाहर प्रदेश से छत्तीसगढ़ में आकर स्लम क्षेत्र में डॉक्टर बनकर लोगों का इलाज रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार दुर्ग जिले की स्वास्थ्य विभाग के उदासीनता के कारण फर्जी डॉक्टर के चक्कर में पड़ कुम्हारी क्षेत्र में निवासरत एक युवक की जान चली गई। कुम्हारी नगर पालिका अध्यक्ष के वार्ड 5 में निवासरत फगुवा यादव का बेटा दुर्गेश यादव झोलाछाप डॉक्टर के गलत इंजेक्शन लगाये जाने के कारण मौत के मुंह में समा गया।
मृतक युवक के परिजनों ने आरोप लगाते हुए बताया कि बाजार चौक कुम्हारी में विगत कई वर्षों से ललित सोनकर द्वारा आस्था अस्पताल खोलकर लोगों का इलाज किया जा रहा है,लेकिन दुर्ग जिले के स्वास्थ्य विभाग के किसी भी अधिकारी ने इसकी जांच करना उचित नहीं समझा। इसके कारण कुम्हाई वार्ड 5 निवासी फगुवा यादव के 38 वर्षीय बेटे को जान से हाथ धोना पड़ा है। परिजनों ने बताया कि लगभग 10 दिनों पूर्व पेट में दर्द होने का इलाज कराने दुर्गेश यादव आस्था अस्पताल बाजार में आया था। डॉक्टर ललित सोनकर ने उसे इंजेक्शन लगाया जिसके बाद लगातार उसकी हालत बिगड़ी गई और उसकी अंत में मौत हो गई।जब मृतक के परिवार ने उस पर गलत इलाज का आरोप लगाया तो वह मृतक परिवार का भरण पोषण की जिम्मेदारी लेने इकरारनामा लिख हस्ताक्षर तक कर दिये।
वहीं इस संबंध में जब आस्था क्लीनिक कुम्हारी के संचालक डॉ. एलके सोनकर से फोन कर जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कहा कि मृतक के परिजनों द्वारा लगाए गए सारे आरोप गलत है। युवक की मौत के बाद शव को मेरे निवास के बाहर रखकर करीब 40 से 50 लोगों द्वारा उग्र रूप अपनाते हुए विरोध किया जा रहा था। उग्र भीड़ द्वारा दबाव बनाए जाने के फलस्वरूप मृतक के आश्रितों के परवरिश के लिए बांड पेपर पर हस्ताक्षर कर दे दिया था।