जेके लक्ष्मी सीमेंट कंपनी में 567 लोगों ने किया रक्तदान

जेके लक्ष्मी सीमेंट कंपनी में 567 लोगों ने किया रक्तदान

भिलाई। जेके लक्ष्मी सीमेंट दुर्ग में आयोजित रक्तदान शिविर में 567 लोगों ने रक्तदान किया। जेके लक्ष्मी आर्गेनाइजेशन के पूर्व अध्यक्ष पद्म भूषण स्वर्गीय हरिशंकर सिंघानिया के 91 जन्म  जयंती के अवसर पर समाज में रक्तदान के प्रति जागरूकता एवं सजकता  लाने के उद्देश्य से जेके लक्ष्मी  सीमेंट दुर्ग  के संयंत्र प्रमुख मुकुल श्रीवास्तव के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में  आयोजन किया गया। शिविर में प्लांट में कार्यरत कर्मचारी विभिन्न ठेका कंपनी में कार्यरत श्रमिक एवं आसपास में निवासरत ग्रामीणों ने इसमें सहभागिता देते हुए रक्तदान किया।

 इस अवसर पर प्लांट प्रमुख मुकुल श्रीवास्तव ने कहा कि हरिशंकर सिंघानिया एक सफल उद्यमी के साथ-साथ समाजसेवी थे. उन्होंने हमेशा समाज में सेवा भाव से काम किया जिसके कारण उन्हें पद्म भूषण का सम्मान भी मिला और उनके जन्म दिवस पर पूरे भारत में आज के दिन जेके ऑर्गनाइजेशन द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है जिससे जरूरतमंद लोगों तक रक्त मिल सके। 

जेके लक्ष्मी सीमेंट दुर्ग के  मानव संसाधन विभाग के प्रमुख कप्तान शिरीष  शुक्ला ने जानकारी देते हुए कहा कि रक्तदान करने से इसका लाभ देश की रक्षा में तैनात जवानों पुलिस कर्मचारी  सहित आपातकालीन स्थिति में जरूरतमंद मरीजों को मिल सकता है एक व्यक्ति के रक्तदान से तीन व्यक्तियों को जीवन दान मिलता है प्रत्येक व्यक्ति काम से कम तीन माह में रक्तदान कर सकता है। रक्तदान के 24 घंटे बाद शरीर प्लाज्मा की भरपाई कर लेता है।प्रत्येक नागरिक को जीवन में रक्तदान का यह पुनीत कार्य करते रहना चाहिए दुर्ग जेके लक्ष्मी सीमेंट प्लांट में विगत 10 वर्षों में लगभग 4000 यूनिट हर रक्तदान में सहयोगिता किया गया है। दुर्ग  जेके लक्ष्मी सीमेंट में हुए रक्तदान शिविर का सफल आयोजन करने में रेड क्रॉस सोसाइटी, रायपुर सिटी ब्लड बैंक एवं दुर्ग  जेके लक्ष्मी सीमेंट ऑक्यूपेशनल हेल्थ सेंटर के संयुक्त प्रशिक्षित टीम द्वारा किया गया। 

इस अवसर पर संयंत्र प्रमुख मुकुल श्रीवास्तव, राजपाल शेखावत, संजय सूट कैप्टन  शिरीष शुक्ला, मनीष तिवारी रेड क्रॉस सोसाइटी रायपुर एवं दुर्ग जिला अस्पताल, सिटी ब्लड बैंक रायपुर के डॉक्टर सत्यनारायण पांडे, डॉ. नेहा  बाफना एवं संयंत्र के विभाग प्रमुख कर्मचारी एवं श्रमिक बड़ी संख्या में मौजूद थे।