सहकर्मी को मोबाइल बनाने दिया तो कर दी ऑनलाइन ठगी

एन्टी क्राइम एवं सायबर यूनिट दुर्ग व थाना जामुल की संयुक्त कार्रवाई

सहकर्मी को मोबाइल बनाने दिया तो कर दी ऑनलाइन ठगी

भिलाई (असं)। एक व्यक्ति ने अपने खराब मोबाइल को अपने सहकर्मी को बनाने दिया। सहकर्मी की नियत बदली और उसने मोबाइल में रखे आईडी के माध्यम से गूगल पे एकाउंट बनवाया और खाते से 46 हजार 500 रुपए ऑन लाइन ट्रांजक्शन के जरिये पार कर दिया। प्रार्थी की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। 
जिले में ऑन लाईन ठगी के प्रकरणों की समीक्षा करते हुए पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव  द्वारा ऑन लाईन ठगी के मामलों में त्वरित कार्रवाई करते हुए ठगी की रकम को तत्काल होल्ड कराने की प्रक्रिया के संबंध में निर्देश प्राप्त हुए थे। इसके परिपालन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) संजय ध्रुव, नगर पुलिस अधीक्षक (छावनी) कोशलेन्द्र देव पटेल, उप पुलिस अधीक्षक (अपराध) नसर सिद्दीकी के मार्गदर्शन में एवं एसीसीयू प्रभारी निरीक्षक संतोष मिश्रा तथा थाना प्रभारी जामुल निरीक्षक याकूब मेमन के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम गठित कर टीम को कार्रवाई हेतु लगाया गया था। 
प्रार्थी धनेश्वर राम साहू निवासी ग्राम सुरडुंग थाना जामुल द्वारा अपने एस.बी.आई. बैंक के खाते से 46,500 रुपए गायब हो जाने के संबंध में शिकायत आवेदन थाना जामुल में दिया गया था। इसकी जांच सायबर यूनिट से कराने पर रकम गूगल पे के माध्यम से अलग- अलग तीन खातों में पैसा ट्रांसफर होने के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई तथा प्राथी के ही आई.डी. से गूगल पे का एकांउट बनाकर रकम ट्रांसफर किया जाना जिसमें जी मेल आईडी किसी विक्की निषाद का होना पता चला। प्रार्थी धनेश्वर साहू से पूछताछ करने पर उसके द्वारा बताया गया कि वह कभी भी गूगल पे का एकांउट अपने मोबाइल में नहीं बनाया और साथ ही ये भी बताया कि उसके साथ काम करने वाले विक्की निषाद को मोबाइल फोन खराब होने पर बनवाने के लिए पूर्व में दिया था।
टीम द्वारा उक्त कार्यवाही के परिणाम स्वरूप संदेही विक्की निषाद के ऊपर संदेह और भी पुख्ता हो जाने पर विक्की निषाद को पकड़कर पूछताछ किया गया जो कि शुरूवाती पूछताछ पर गुमराह करता रहा किन्तु टीम द्वारा सतत् एवं तथ्यात्मक पूछताछ के परिणाम स्वरूप अपना अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि प्रार्थी धनेश्वर द्वारा जब उसे मोबाइल फोन बनवाने के लिए दिया था उसी दौरान मोबाईल फोन मरम्मत करावाने के बाद मोबाईल फोन को चेक करने पर फोटो गैलेरी में उसे प्रार्थी कि आईडी, बैंक एटीएम कार्ड की फोटो आदि मिल गयी मोबाईल में प्रार्थी का ही सिम लगा हुआ था जिससे उसके द्वारा प्रार्थी के मोबाईल में ही गूगल पे का एकांउट बना लिया गया तथा अपना जी मेल आईडी डालकर एकटीवेट करके मोबाईल दुकान से मोबाईल खरीदकर ऑन लाईन भुगतान किया तथा अलग - अलग समय पर साथ में ही काम करने के दौरान प्रार्थी का मोबाइल लेकर अपने व अपने दोस्त के बैंक खाते में ऑन लाईन रकम ट्रांसफर किया गया। जिससे आरोपी की निशानदेही पर ठगी की रकम से खरीदा गया एक मोबाइल फोन बरामद कर जब्त किया गया। ठगी से प्राप्त शेष रकम को पवजी ऑनलाईन गेम खेलने में खर्च हो जाना बताया। आरोपी को गिरफ्तार कर अग्रिम कार्यवाही थाना जामुल से की जा रही है।