Video बस से 95 बच्चों को किया गया रेस्क्यू, मदरसे में लेकर जा रहे थे
बाल कल्याण समिति, चाइल्ड हेल्पलाइन, डीपीओ, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग और जिला पुलिस की संयुक्त टीम ने अयोध्या के पास इस बस को पकड़ा
अयोध्या। बिहार से उत्तर प्रदेश ले जाये जा रहे 95 बच्चों को उत्तर प्रदेश बाल आयोग ने बचाया। सभी बच्चे एक ही समुदाय के है। बच्चों को ले जाने वालों के पास नहीं था माता पिता का सहमति पत्र। बाल आयोग की सदस्य डा सुचिता चतुर्वेदी ने सीडब्लूसी को सूचना दी थी।राज्य बाल आयोग की सूचना पर अयोध्या जिले के एनएच-27 पर एक डबल डेकर बस में सवार 95 बच्चों को बरामद कर लिया गया। बाल कल्याण समिति, चाइल्ड हेल्पलाइन, डीपीओ, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग और जिला पुलिस की संयुक्त टीम ने अयोध्या के पास इस बस को पकड़ा। बरामद बच्चों की काउंसलिंग के बाद जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया गया है। उसके बाद अब बाल संरक्षण गृह भेजा गया।
दिल्ली के एक एनजीओ मुक्ति फाउंडेशन ने राज्य बाल आयोग से शिकायत की थी। जिसमें बताया था कि बिहार राज्य के अररिया जिले से काफी बच्चों को अरुणाचल प्रदेश में पंजीकृत बस एआर-16 बी 1551 से सहारनपुर ले जाया जा रहा है। जिसके बाद आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने जिले की टीम को सूचना दी और कार्रवाई के लिए कहा।
देवकाली बाईपास के पास पुलिस की टीम ने बस को रोक लिया। बच्चों को ले जाने वालों के पास माता पिता का सहमति पत्र नहीं था। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम बस को लेकर पुलिस लाइन पहुंची। जहां सीडब्लू की टीम ने बच्चों की काउंसलिंग की।
सीडब्लूसी के अध्यक्ष सर्वेश अवस्थी ने बताया कि बाल आयोग की सदस्य डा सुचिता चतुर्वेदी ने सुबह मामले की सूचना दिया था। जिसके बाद सीडब्लूसी, डीपीसी, चाइन्ड लाइन व अन्य टीमें सक्रिय हो गई। बच्चों को रस्क्यू करके पुलिस लाइन लेकर आया गया। जहां टीम ने 95 बच्चों से मिले। जिनकी उम्र 4 से 12 वर्ष के बीच है। बच्चों को ले जाने वालों के पास माता पिता का सहमति पत्र नहीं था। बच्चों का कहना था कि उन्हें मदरसे में लेकर जा रहे है। कुछ जाने वाली जगह का नाम भी नहीं बता पा रहे थे। इसमें कुछ अनाथ भी है। बच्चों को लखनऊ शेल्टर होम भेजा जा रहा है। जहां से उनके माता पिता के सुपुर्द किया जाएगा। बच्चों को लेकर तीन लोग जा रहे थे। सभी बच्चे एक समुदाय से सम्बंधित है।