जल, थल और नभ तीनों ओर से सुरक्षित होगा अयोध्या का राममंदिर, इसके लिए खर्च होंगे 38 करोड़
अयोध्या (एजेंसी)। रामलला के मंदिर की सुरक्षा प्लान पर लगभग 38 करोड़ रुपये खर्च होंगे। धनराशि स्वीकृत हो गई है और निर्माण की जिम्मेदारी यूपी निर्माण निगम को सौंपी गई है। अगले कुछ दिन में इसकी डीपीआर शासन को भेज दी जाएगी। इसमें जल, थल और नभ तीनों ओर से सुरक्षा का खाका तैयार किया गया है।
नवंबर तक मंदिर की सुरक्षा को पुख्ता किए जाने की डेडलाइन तय कर दी गई। प्लान के पहले चरण पर काम जल्द शुरु किए जाने की तैयारी है। लोकार्पण के पहले राम मंदिर की सुरक्षा पुख्ता दिखेगी। लोकार्पण 15 जनवरी 2024 के बाद संभावित है और उसके बाद रामलला के मंदिर में आने वाले भक्तों की भीड़ खासी बढ़ जाएगी।
प्रशासन लोकार्पण के पहले श्री राममंदिर और आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा पुख्ता करने की रणनीति पर काम कर रहा है। मंदिर को हवाई हमले से महफूज रखने सहित सरयू नदी और जमीन से सुरक्षा का खाका खींचा गया है। बता दें कि मंदिर के बाहर की सुरक्षा का दायित्व प्रशासन का है। रामलला के मंदिर के अंदर की व्यवस्था ट्रस्ट देखेगा। प्रशासन के अफसर अंदर की सुरक्षा में भी समन्वय करेंगे।
मंदिर के बाहर अर्धसैनिक बलों (सीआरपीएफ) सहित अन्य फोर्स की तैनाती होगी। हवाई सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक संयंत्र और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। फायर सेफ्टी, बोलार्ट, बुलेट प्रूफ जैकेट, सर्च लाइट लगाई जाएगी। राममंदिर के पास से बहने वाली सरयू नदी की तरफ से भी सुरक्षा पर फोकस है। इसके लिए वाटर सेफ्टी के साथ विशेष नावों पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे। मंदिर के अंदर सुरक्षा के लिए पूरे परिसर में अत्याधुनिक कैमरे से लैस सीसीटीवी लगाए जाएंगे। मंदिर की सुरक्षा पर नजर रखने के लिए आधुनिक उपकरणों वाल कंट्रोल रूम बनाया जाएगा।
मंडलायुक्त गौरव दयाल का कहना है कि रामलला के मंदिर का सिक्योरिटी प्लान तैयार है। पहले चरण में इसके लिए लगभग 38 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए गए हैं। राम मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए नवंबर की डेडलाइन तय कर दी गई है।