अवैध रूप से निर्मित मदरसा एवं नमाज स्थल पर बुलडोजर एक्शन के बाद बवाल, पुलिस की टीम पर बम और पत्थर से हमला, गोलीबारी में 6 लोगों की मौत, 300 से ज्यादा घायल, इंटरनेट सेवाएं बंद

70 से अधिक वाहनों को लगायी आग, कई में तोड़फोड़

अवैध रूप से निर्मित मदरसा एवं नमाज स्थल पर बुलडोजर एक्शन के बाद बवाल, पुलिस की टीम पर बम और पत्थर से हमला, गोलीबारी में 6 लोगों की मौत, 300 से ज्यादा घायल, इंटरनेट सेवाएं बंद

उत्तराखंड।गुरुवार शाम को हल्द्वानी के  बनभूलपुरा में अतिक्रमण हटाने को लेकर बवाल हो गया। जिसके बाद प्रशासन ने देर शाम उपद्रवियों के पैर में गोली मारने के आदेश जारी किए। एक को गोली लगने की सूचना है। प्रशासन ने शहर में कर्फ्यू लगा दिया है। बनभूलपुरा में उपद्रव के दौरान 70 से अधिक वाहनों को जला दिया गया, जबकि कई वाहनों में तोड़फोड़ की गई। इस दौरान बनभूलपुरा थाने में आग से कई साल पुराने रिकॉर्ड भी जलकर खाक हो गए हैं।

हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में अवैध रूप से निर्मित मदरसा एवं नमाज स्थल पर बुलडोजर एक्शन के बाद हुए बवाल के बाद पूरे राज्य में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है. इलाके में भारी फोर्स तैनात है. हिंसा में करीब 100 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है और इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है.

बनभूलपुरा में अतिक्रमण तोड़ने गई टीम पर घरों की छतों से पथराव किया गया जिसके बाद पुलिस ने पत्थरबाजों को पकड़ने के लिए उन घरों का रुख किया जहां से पत्थर फेंके जा रहे थे। नगर निगम कर्मचारियों की मदद से उन घरों के दरवाजों को घन से तोड़ा गया और पुलिसकर्मी घरों में घुसे। जिसके बाद पत्थरबाजों को पकड़कर पुलिस ले जाने लगी, लेकिन उपद्रवी उन्हें भी छुड़ा ले गए।

ASP प्रहलाद नारायण मीणा ने कहा कि हमारी तैयारी पूरी थी, चूक कहां हुई इसका पता किया जा रहा है। बाहर से अन्य फोर्स हल्द्वानी मंगाया गया है। इसे बनभूलपुरा क्षेत्र के विभिन्न तिराहों, चौराहों और गलियों में लगाया गया है। कर्फ्यू लगा दिया गया है। फोेर्स को गोली मारने के आदेश दिए गए हैं।जिस तरह से टीम पर हमला हुआ है उससे लगता है कि यह सुनियोजित और योजनाबद्ध हमला किया गया है, जिसकी तैयारी पहले से थी। पेट्रोल बम, पथराव करने से लेकर गोली चलाई गई। इसकी उम्मीद नहीं थी।

लगता है कि ऐसी किसी एक्शन पर रिएक्शन कैसे किया जाएगा, उसकी तैयारी पहले से कर ली गई थी। जब शार्ट नोटिस पर पर ऐसी घटना हुई और प्लानिंग थी, अगर अधिक समय दिया जाता तो संभव है कि हालात ज्यादा खराब होते, उसका अंदाजा लगाना संभव नहीं है। यह रणनीति का हिस्सा था कि तैयारी के लिए कम से कम समय दिया जाए, क्योंकि उग्र प्रतिक्रिया की आशंका थी, इसलिए शार्ट नोटिस दिया गया।