अधिवक्ता के साथ लाखों की ठगी, रुपए लेने के बाद नहीं कराया जमीन की रजिस्ट्री, इस दलाल के खिलाफ अपराध दर्ज

अधिवक्ता के साथ लाखों की ठगी, रुपए लेने के बाद नहीं कराया जमीन की रजिस्ट्री, इस दलाल के खिलाफ अपराध दर्ज

भिलाई। दुर्ग जिले की एक अधिवक्ता से भूखंड के नाम पर 15 लाख रुपए की ठगी का मामला प्रकाश में आया है। प्रार्थी की शिकायत पर सुपेला पुलिस ने धारा 420, 418 के तहत मामला दर्ज कर जांच में लिया है।

जानकारी के अनुसार जगदंबा चौक संजय नगर सुपेला भिलाई निवासी अधिवक्ता राकेश कुमार दुबे आ. स्व. लक्ष्मीकांत दुबे, उम्र-53 वर्ष ने पुलिस को बताया कि अनावेदक मीनल चौहान, निवासी-46/40, वार्ड 21. कैम्प 1, मदर टेरेसा नगर, पेट्रोल पम्प के सामने भिलाई, जिला-दुर्ग द्वारा जमीन / भूखण्ड खरीदी बिक्री का व्यवसाय किया जाता है। स्कूल में यह मेरे बड़े पुत्र अनिश दुबे का सहपाठी था इसलिए उससे पूर्व परिचय है। मीनाल चौहान ने पूर्व में ग्राम कुरूद में प्लटिंग का काम किया था जिसमें मेरे पुत्र ने मेरी पत्नी श्रीमती सुनीता दुबे के नाम पर एक भूखण्ड खरीदा था। माह जुलाई 2022 में मीनाल चौहान ने ग्राम कुम्हारी जिला-दुर्ग में अपने नये प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुए बताया कि, मौजा कुम्हारी, प.हन. 53. तहसील धमधा जिला-दुर्ग (छ.ग) स्थित ख.न. 1558/1, रकबा 0.36 है. भूमि पर वह आवासीय और व्यवसायिक भूखण्ड बेच रहा है। उसने उक्त भूखण्ड में व्यवसायिक सह आवासीय भूखण्ड 2875 वर्गफुट 12,50,000/- (अक्षरी बारह लाख पचास हजार रूपये) में विक्रय करने का मुझे प्रस्ताव दिया। मेरा पुत्र अनिश दुबे पोयरी स्विटजरलैण्ड में इन्स्ट्रूमेन्टेशन एण्ड कंट्रोल इंजीनियर है जो साउदी अरब में कार्यरत है. इस संबंध में मैने उससे चर्चा की तब मेरे पुत्र ने कहा कि मैं भूखण्ड देख लूँ, पंसद आने पर सौदा पक्का कर लूँ। वह मीनाल चौहान को आर.टी.जी.एस. / बैंक ट्रान्सफर के माध्यम से भुगतान कर देगा। मीनाल चौहान के साथ मैने प्रस्तावित भूखण्ड देखा जो मुझे पसंद आ गया। तब मीनाल चौहान के माँग पर मेरे निर्देशानुसार मेरे पुत्र अनिश दुबे ने अपने बैंक खाते के माध्यम से मीनाल चौहान को दिनाक 31/07/2022 को 50.000/- रूपये दिनांक 08/08/2022 को 2,50,000/- रूपये, दिनाक 09/08/2022 को 3,00,000/- रूपये, दिनांक 10/08/2022 को 3,00,000/- रूपये एवं दिनाक 11/08/2022 को 3,00,000/- रूपये एन.एफ.टी/आर.टी.जी.एस. के माध्यम से कुल 12,00,000/- रू (अक्षरी बारह लाख रूपये) का भुगतान कर दिया। इस सौदे का लिखित इकरारनामा दिनाक 17/08/2022 को जिला न्यायालय परिसर दुर्ग में तैयार किया गया। दो गवाहों के समक्ष मीनाल चौहान को मैंने 50.000/- रूपये   अक्षरी पचास हजार रूपये) नगद भुगतान किया और दोनों ने अपने-अपने हस्ताक्षर कर इकरारनामा निश्चादित कर दिया। इकरारनामा में तय शर्तों के अनुसार मीनाल चौहान को 16/08/2023 तक मेरे पक्ष में भुखण्ड की रजिस्ट्री करा देनी थी।

परन्तु माह अक्टूबर 2022 में मीनाल चौहान ने मुझसे पुनः सम्पर्क किया और कहा कि. जमीन की रजिस्ट्री उसके नाम हो चुकी है. सारी औपचारिकताएँ पूरी हो गई है। वह जल्द ही मेरे नाम पर जमीन की रजिस्ट्री कराना चाहता है। रजिस्ट्री हेतु स्टम्प आदि क्रय करने के लिए 2.50,000/- रूपये की आवश्यकता है। मैंने सहज ही उस पर विश्वास करते हुए अपने बैंक खाते. भारतीय स्टेट बैंक, शाखा-स्टेशन रोड दुर्ग का चेक क्रमांक-393982 दिनाकित 18/10/2022 का प्रदान कर दिया। उक्त के संबंध में एक इकरार नामा दिनांक 18/10/2022 को जिला न्यायालय परिसर दुर्ग में निष्पादित किया गया। इस इकरारनामा के अनुसार इकरारनामा दिनांक से तीन माह के भीतर मीनाल चौहान को मेरे पक्ष में रजिस्ट्री करा देनी थी अन्यथा 15 दिवस के भीतर 15.00000/- रूपये (अक्षरी पंद्रह लाख रूपये) 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से लौटा देना था। उक्त इकरारनामा की अवधि जनवरी 2023 में समाप्त होने के पश्चात् मैंने मीनाल चौहान से बार-बार जमीन की रजिस्ट्री कराने का अनुरोध और तकादा किया परन्तु बार-बार नये-नये बहाने बनाकर टालता रहा। ना तो अनावेदक ने इकरारनामा के अनुसार मेरे नाम पर सौदाशुदा भूमि की रजिस्ट्री करायी और ना ही मुझसे प्राप्त 15.00,000/- रूपये (अक्षरी पंद्रह लाख रूपये) ही लौटाये। वह पहले तो व्हाट्सअप पर बातचीत कर नयी-नयी तारीखें देता रहा परन्तु विगत दो माह से उसने अपना मोबाईल फोन बंद कर दिया है और उसके संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। अब मुझे यह विश्वास हो गया कि, मीनाल चौहान ने जमीन विक्रय के नाम पर मुझे धोखा दिया है और मेरे 15,00,000/- रुपये (अक्षरी पंद्रह लाख रूपये) ठग कर कहीं छिप गया है या भाग गया है। अतः श्रीमान जी से प्रार्थना कि, मीनाल चौहान, आ. सुभाष चौहान, उम्र-32 वर्षे, निवासी-46/40, वार्ड 21 केम्प 1, मदर टेरेसा नगर, पेट्रोल पम्प के सामने, भिलाई, जिला-दुर्ग (छ.ग.) के विरुद्ध प्रथम सूचना पत्र दर्ज कर कठोर कार्यवाही करते हुए मेरे 15.00,000/- रूपये (अक्षरी पंद्रह लाख रूपये) वापस दिलवाने का कृपा करें।