दुर्ग जिले में खुलेआम बिक रहा मौत का चाइनीज मांझा; एक युवक की मौत, बच्चे के गले का नस कटा, इधर हाथ पर हाथ धरे बैठे है अधिकारी

दुर्ग जिले में खुलेआम बिक रहा मौत का चाइनीज मांझा; एक युवक की मौत, बच्चे के गले का नस कटा, इधर हाथ पर हाथ धरे बैठे है अधिकारी
चाइनीज मांझे से कट गया था बच्चे का गले का नस

भिलाई। दुर्ग जिले में पतंगबाजी शुरू हो गई है। दुर्ग-भिलाई के गली-गली मौत का चाइनीज मांझा बेचा जा रहा है। सभी को पता है कि इस पर प्रतिबंध लगा हुआ है। बावजूद इसके न तो नगर निगम और न ही जिला प्रशासन द्वारा इस पर कोई कार्यवाही की जा रही है। जबकि इस चाइनीज मांझे के कारण छत्तीसगढ़ में पहली मौत दुर्ग जिले में हुआ है। वहीं कई लोग घायल होकर मरते-मरते बचे। इसके बाद भी अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे है। शायद अधिकारियों को और माैतों का इंतजार है। सिर्फ दुर्ग-भिलाई ही नहीं पूरे छत्तीसगढ़ में इस चाइनीज मांझा के कारण कई लोग घायल हो चुकें हैं। जानलेवा होने के कारण ही चायनीज मांझे को बैन किया गया है। इससके बावजूद खुलेआम प्रतिबंधित चायनीज मांझा पतंगबाजी के लिए बेचा जा रहा है। वहीं भिलाई नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा ने कहा कि नगर निगम के द्वारा गुमास्ता तो आबंटित कर दिया जाता है, लेकिन गुमास्ता के आधार पर क्या बेचा जाता है इसकी निगरानी नहीं की जाती। इसका खामियाजा आम जनता को घायल होकर या जान देकर भुगतना पड़ता है। नगर निगम द्वारा चाइनीज मांझा बेचने वालों पर ठोस कार्रवाई की जानी चाहिए।

जनवरी 2023 में चाइनीज मांजा से कटी बच्चे की सांस नली

जनवरी 2023 में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पिता के साथ स्कूटी में जा रहे एक 5 वर्षीय बच्चे की चाइनीज मांजा के कारण सांस की नली कट गई। जानकारी के अनुसार महावीर कॉलोनी दुर्ग निवासी 5 साल का बच्चा अपने पिता विकास जैन के साथ बाजार जा रहा था। इस दौरान पतंग का चाइनीस मांजा स्कूटी पर पीछे बैठे बच्चे के गले में फंस गया। स्कूटी आगे बढ़ने के साथ ही तनाव बढ़ते जाने से उसकी सांस की नली व दिमाग से हार्ट तक खून पहुंचाने वाली जुगलर वैन कट गई। खून निकलता देख बच्चे के पिता ने उसे नेहरू नगर के पल्स हॉस्पिटल इलाज के लिए लेकर पहुंचे। सबसे पहले वेंटिलेटर से बच्चे को सांस देने का इंतजाम किया। डॉक्टरों की टीम ने सर्जरी कर नली व वेन को जोड़ा। 3 दिन तक इलाज चलने के बाद बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

जनवरी 2024 में छत्तीसगढ़ में पहली मौत दुर्ग जिले में

जनवरी 2024 में  चरोदा में चाइनीज मांझे से गला कटने से एक युवक की मौत हो गई। जी केबिन निवासी अज्जू (18 साल) पुत्र विरेंद्र सोमवार सुबह करीब 10.30 बजे अपने एक रिश्तेदार बिहान (5 साल) के साथ बाइक पर किसी काम से निकला था। इस दौरान भिलाई-3 में देवबलौदा जाने वाली रोड पर कुछ लड़के पतंग उड़ा रहे थे। तभी वहां से बिहान के साथ अज्जू बाइक पर निकला। अचानक से पतंग का मांझा बाइक चला रहे अज्जू के गले में फंसा और उसका गला कट गया। इसके बाद वह और बिहान बाइक सहित सड़क पर जा गिरे। आसपास के लोगों ने देखा तो पुलिस को सूचना दी। इसके बाद उन्हें लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल ले जाया गया। वहां अज्जू और बिहान की हालत गंभीर देख डॉक्टरों ने दोनों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जहां उपचार के दौरान अज्जू ने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों का कहना है कि मांझे से गला कटने से खून काफी बह गया था। इसके चलते युवक को बचाना मुश्किल था।

10 दिसंबर 2024 को एनआईटी का छात्र का कटा गला

रायपुर। मंगलवार को  आदित्य बाजपेयी (19 साल) नामक छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया। गले में खासा गहरा कटा है। डॉक्टर के अनुसार छात्र की हालत खतरे से बाहर है। घायल छात्र ने बताया कि वह लखनऊ का रहने वाला है। डीडी नगर में किराए पर रहता है। पिता विवेक बाजपेयी शिक्षक हैं। बताया जाता है कि छत पर पतंगबाजी कर रहे युवकों की पतंग रोड में फंस गई थी। वे पतंग खींचकर निकाल रहे थे, इस दौरान मांझा रोड के आर-पार करीब छह फीट की ऊंचाई में तना हुआ था, तभी छात्र बाइक से गुजरा। बारीक मांझा उसे दिखाई नहीं दिया और गले में फंस गया। छात्र झटके से गिर पड़ा। उसके गले से खून बहने लगा। आनन-फानन में उसे निजी अस्पताल ले जाया गया। खून इतना बह रहा था कि पांच टांके लगाने पड़े। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।