हाउसिंग बोर्ड जमीन विवाद पर अब नया ट्विस्ट: 10 करोड़ मूल्य के जमीन का सौदा 2.52 करोड़ में, अब इसे 5.50 करोड़ में खरीदने हाईकोर्ट में लगा आवेदन
मेहरबान सिंह ने भिलाई विधायक के भाई पर लगाए गए गंभीर आरोप
भिलाई। हाउसिंग बोर्ड औद्योगोक क्षेत्र के प्राइम लोकेशन पर स्थित करीब 10 करोड़ रुपए मूल्य के जमीन को भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव के भाई धर्मेन्द यादव को 2.52 करोड़ में बेच दिया गया। अब इस जमीन को 5.50 करोड़ में खरीदने के लिए एक व्यक्ति द्वारा हाईकोर्ट में आवेदन लगाया गया है। इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी नेता मेहरबान सिंह ने पत्रकारवार्ता में कई खुलासे करते हुए विधायक के परिवार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
पत्रकारवार्ता में मेहरबान सिंह ने कहा कि भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र के परिवार को गलत तरीके से आंवटित भूमि के विषय पर हाईकोर्ट में दर्ज प्रकरण में आए महत्वपूर्व मोड़ की जानकारी देने के लिए आज ये प्रेसवार्ता रखी गई है। उन्होंने कहा कि उक्त 10 करोड़ की जमीन को छ.ग ग्रह निर्माण के अधिकारियों से मिलीभगत कर विधि विरूद्ध भिलाई नगर विधायक के भाई धर्मेंद्र यादव को मात्र 2 करोड़ 52 लाख 51 हजार में आवंटन किया गया। जमीन आवंटन के विरूद्ध आप प्रदेश अध्यक्ष आरटीआई विंग के मेहरबान सिंग ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने दिनांक 14/7/2022 को प्रकरण पंजीबद्ध कर नोटिस जारी कर धर्मेंद्र यादव, डॉ. ऋतिका ताम्रकार यादव, उपायुक्त से जवाब मांगा। दिनांक 23/01/ 23 को इस केस में हाउसिंग बोर्ड के निवासी उदय नारायण सिंह ने इंटरविन का आवेदन दिया। उसके बाद दिनाक 11/7/2023 को उनके द्वारा उक्त जमीन का रेट 5 करोड़ 5 लाख रूपए कोड कर उन्हे उक्त जमीन को आवंटित करने का आग्रह माननीय न्यायालय से की गई। मेहरबान सिंह ने कहा कि सवाल ये है कि ढाई करोड़ से जमीन का रेट 5 करोड़ कैसे हो गया? इसका अर्थ जमीन का रेट ज्यादा है। हम आज भी अपने इस दावे पर कायम है कि जमीन 10 करोड़ रूपए की है। भाजपा विपक्ष चुप क्यों है क्योंकि दोनों मिले हुए है।
बेहरबान सिंह ने कहा कि छ.ग. ग्रह निर्माण मंडल के द्वारा भिलाई हाउसिंग बोर्ड कालीबाडी चौक प्राईम लोकेशन पर स्थित 10 करोड़ की जमीन को एक षडयंत्र कर विधायक देवेन्द्र यादव जी के भाई धर्मेन्द्र यादव को 2 करोड़ 52 लाख 51 हजार रूपए में बेचा गया। जमीन आवंटन की निविदा में सबसे पहले भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव की पत्नी श्रीमती डॉ. ऋतिका ताम्राकार ने भाग लिया था। एक सुनियोजित षडयंत्र के तहत उनके आवेदन को रदद् किया गया। सिर्फ धर्मेन्द्र यादव ने निविदा में भाग लिया और उसे जमीन बेच दी गई। दस्तावेज कहते है कि निविदा की प्रक्रिया शुरू होने से जमीन आवंटन का कार्य धर्मेन्द यादव के घर पर किया गया होगा। छ.ग.ग्रह निर्माण मंडल रायपर द्वारा प्रकाशित ओपन टेंडर के माध्यम से रायपुर, नवा रायपुर दुर्ग एवं बिलासपुर में व्यवसायिक भूखडों को विक्रय करने का विज्ञापन दो अखबार के रायपुर एडिशन में दिनांक 30/09/2021 को प्रकाशित किया गया। उक्त जमीन का विज्ञापन छ.ग. ग्रह निर्माण मंडल की वेबसाईट में आया लेकिन दोनों विज्ञापन अलग-अलग कहानी कह रहे थे। अखबार के विज्ञापन में जमीन का विवरण नहीं था। जमीन कहां है यह नहीं बताया था तथा निविदा भरने की अंतिम तिथि नहीं थी जबकि छ.ग. ग्रह निर्माण मंडल की वेबसाईट में जमीन का विवरण दिया गया और निविदा भरने के लिए 15 दिन का समय दिया गया था। इस प्रकार से जमीन विधायक के परिवार के सदस्यों को ही आवंटित करने के लिए यह पूरा षडयंत्र रचा गया जो कि अपराध की श्रेणी में आता है। मेहरबान सिंह ने कहा कि हाउसिंग बोर्ड के कई अधिकारी इस षडयंत्र में शामिल है। पत्रकारवार्ता में डॉ एस. के अग्रवाल, के ज्योति, रामपाल, जसप्रीत उपस्थित थे।