विश्व टीबी दिवस पर सेक्टर 9 हॉस्पिटल में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
विश्व टीबी दिवस पर सेल- भिलाई इस्पात सयंत्र के जलावाहरलाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसन्धान केंद्र (सेक्टर 9 हॉस्पिटल) में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। टीबी मुक्त भारत बनाने के जागरूकता कार्यक्रम के दौरान नुक्कड़ नाटक कर भी लोगों को टीबी के प्रति जागरूक किया गया. साथ ही लोगों को टीबी के लक्षणों की जानकारी देकर जांच कराने की सलाह भी दी गई. भारत मे लगभग 20% लोग टीबी से ग्रसित है. हर साल टीबी की बीमारी के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए 24 मार्च को विश्व क्षय दिवस (World Tuberculosis Day) मनाया जाता है.
इसी कड़ी में सेक्टर 9 हॉस्पिटल में ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) समन्धित आयोजित इस जागरूकता कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक के पश्चात प्रश्न प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. साथ ही टीवी से बचाव और सुरक्षा के उपाय बताए गए. टी.बी. के लक्षणों की जानकारी लोगों को दी गयी. जिनमे से कुछ इस प्रकार है. भूख न लगना, कम भूख लगना तथा वजन अचानक कम हो जाना, बेचैनी एवं सुस्ती छाई रहना, सीने में दर्द का एहसास होना, थकावट रहना व रात में पसीना आना, हल्का बुखार रहना, हरारत रहना, खांसी आती रहना, खांसी में बलगम आना तथा बलगम में खून आना, कभी-कभी जोर से अचानक खांसी में खून आ जाना, गहरी सांस लेने में सीने में दर्द होना, कमर की हड्डी पर सूजन, घुटने में दर्द, घुटने मोड़ने में परेशानी आदि।
कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि टीबी की बीमारी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस जीवाणु की वजह से होती है. इसे क्षयरोग भी कहा जाता है. भारत में हर साल टीबी के लाखों मरीज सामने आते हैं. ह्रदय, फेफड़ा, गर्भाशय,लीवर आदि के साथ साथ यह शरीर के अन्य भागों को भी यह संक्रमित करते हैं। हालांकि टीबी संक्रामक है लेकिन यह आसानी से नहीं फैलता है और लाइलाज नहीं है. समय रहते इस बीमारी का इलाज करवा लिया जाए तो इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है. कोरोना के बाद गर्भावस्था बच्चों में टीवी कुपोषण में बढ़ोतरी देखी गई है, वैक्सिंग बनाने की तैयारी के साथ साथ 2030 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का प्रयास चल रहा है.
कार्यक्रम में बीमारी के उपचार के बारे में भी बताया गया. आजकल टी.बी. के उपचार के लिए अलग-अलग एंटीबायोटिक्स / एंटीबेक्टेरियल्स दवाओं का एक साथ प्रयोग किया जाता है। यह उपचार लगातार बिना अन्तराल के 6 से 9 महीने तक चलता है। इस रोग की दवा लेने में अनियमितता बरतने पर, इसके बैक्टीरिया में दवाई के प्रति प्रतिरोध क्षमता उत्पन्न हो जाती है। उपचार के दौरान रोगी को पौष्टिक आहार मिले, वह शराब-सिगरेट आदि से दूर रहे। बच्चों को टी.बी. से बचने के लिए बी.सी.जी. का टीका जन्म के तुरंत बाद लगाया जाता है. इस कार्यक्रम में मुख्य रूप सीएमओ (CMO) इंचार्ज डॉ रविन्द्र नाथ, सीएमओ प्रमोद विनायक, डॉ विनीता द्विवेदी सीएमओ एवं चेस्ट वार्ड के विभागाध्यक्ष डॉ बनर्जी मौजूद व अन्य नर्सिंग स्टाफ मौजूद रहे.