भाई व महिला मित्र ने फर्जी हस्ताक्षर कर निकाल लिए पॉलिसी की 2.30 लाख रु., बहन की शिकायत उपरांत चार सौ बीसी का मामला दर्ज

भाई व महिला मित्र ने फर्जी हस्ताक्षर कर निकाल लिए पॉलिसी की 2.30 लाख रु., बहन की शिकायत उपरांत चार सौ बीसी का मामला दर्ज

भिलाई। एक बहन द्वारा अपने सगे भाई और भाई के महिला मित्र के खिलाफ फर्जी हस्ताक्षर कर एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस का 2 लाख 30 हजार रुपए निकाले जाने की शिकायत पुलिस अधीक्षक सहित थाना प्रभारी थाना भटटी, थाना प्रभारी सुपेला, सीएसपी भिलाई से की गई थी। जांच में सेक्टर-1 निवासी आगस्टीन सेटियोगो पति स्व. माईकल सेटियोगा और शीतल स्वामी पति सजंय स्वामी दोषी पाए जाने पर सुपेला थाना पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ धारा  34, 420, 467, 468, 471 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। 
सुपेला थाना प्रभारी से मिली जानकारी के अनुसार प्रार्थी माशेलीना सेटियोगो पति राजकुमार सेन निवासी सेक्टर-1 ने शिकायत दर्ज कराई थी कि आवेदिका एवं अनावेदक दोनों सगे भाई बहन है। उनके पिता बीएसपी के अग्निशमन विभाग से सेवानिवृत्त हुए थे। सेवानिवृत्त पश्चात एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में 2 लाख 30 हजार रुपए निवेश किये थे। पिता एवं माता का आकस्मिक मृत्यु होने के पश्चात आगस्टीन सेटियागो द्वारा अपने महिला मित्र शीतल स्वामी के साथ मिलकर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर फर्जी तरीके से लाइफ इंश्योरेंस कंपनी का 2 लाख 30 हजार रुपए आवेदिका के बिना जानकारी आहरण कर लिया है। जो कि माशेलीना सेटियोगो भी उक्त राशि की 50 प्रतिशत हकदार है। अनावेदक आगस्टीन सेटियागो एवं शीतल स्वामी द्वारा कारित करना पाये जाने से अपराध पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया है। 
प्रार्थिया ने बताया कि उनके माता-पिता दोनों की कोरोना महामारी में मृत्यु हो चुकी है। मेरे पिता बीएसपी के कर्मचारी थे उनका जीवन बीमा एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी चंद्रा मौर्या टकीज के पास चौहान काम्पलेक्स में था जहां मेरे पिता स्वर्गीय एम सेटियागो का खाता पलिसी नंबर क्रं.-23305556 है जिसमें 2,30,000 रुपए जमा था वहां पर मेरा बड़ा भाई और अपने महिला साथी शीतल स्वामी से या स्वयं मेरे नाम (मार्शलीना) का फर्जी हस्ताक्षर करके उक्त रकम निकाल लिए हैं। प्रार्थिया ने बताया कि एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस के मैनेजर  सीजोपाल और उनके उच्च अधिकारी भूनेश्वर साहू मेरे बिना जानकारी के तथा दस्तावेज व हस्ताक्षर परीक्षण के उक्त रकम को फर्जीवाड़ा कर  निकाल कर उन्हें दे दिया गया है। इसकी जानकारी प्रार्थिया को मैनेजर  द्वारा दी गई।