सच परेशान कर सकता है पर हारेगा नहीं-भुवनेश्वर साहू

बिना कार्यकारिणी बैठक के हटा दिया गया सचिव के पद से

सच परेशान कर सकता है पर हारेगा नहीं-भुवनेश्वर साहू

भिलाई। छ.ग. राज्य के आर्य समाज की प्रांतीय शिरोमणि सभा छ.ग. प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा की उपसमिति दयानन्द शिक्षा समिति द्वारा संचालित घनश्याम सिंह आर्य कन्या महाविद्यालय  को नियमावली के विरूद्ध अनैतिक कार्य करने पर आर्य समाज की प्राथमिक सभासदी से आजीवन निष्कासित किये गए राघवेन्द्र सिंह गुप्ता एवं दिग्विजय सिंह गुप्ता तथा उनके परिवार के सदस्यों द्वारा अवैध कब्जा कर मनमाने ढंग से संचालन करने व महिलाओं के प्रति अनुशासनहीनता आदि कार्य किये जाने पर कार्यवाही की मांग की गई है। 
मंगलवार को आयोजित पत्रकारवार्ता में छ.ग. प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा के मंत्री व दयानन्द शिक्षा समिति के सचिव भुवनेश कुमार साहू ने कहा कि छ.ग. प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा के उपसमिति दयानन्द शिक्षा समिति दुर्ग द्वारा संचालित शिक्षण संस्थान घनश्याम सिंह आर्य कन्या महाविद्यालय, तुलाराम आर्य कन्या उच्च. माध्य. विद्यालय एवं धमर्पाल पब्लिक स्कूल आदि संस्थाओं को राघवेन्द्र सिंह गुप्ता जिन्हें छ.ग. प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा ने सन 2015 में एवं श्री दिग्विजय सिंह गुप्ता को सन् 2019 में सभा नियमावली के विरूद्ध कार्य करने पर आर्य समाज से आजीवन निष्कासित किया गया है। उसके पश्चात भी उपरोक्त में उल्लेखित सभा के शिक्षण संस्थानों को अवैधानिक रूप से कब्जा कर नियमावली के विपरीत मनमाने ढंग से संस्थाओं का संचालन किया जा रहा है जो कि निष्कासित होने के कारण अधिकार ही नहीं है। 
भुवनेश कुमार साहू ने कहा कि लगभग दो माह पूर्व छ.ग. प्रा. आ. प्र. सभा के प्रदेश अध्यक्ष आचार्य अंशुदेव आर्य को घनश्याम सिंह आर्य कन्या महाविद्यालय में कार्यरत शिक्षिका जो कि वहां की छात्रा भी है उनका लिखित में एक गंभीर शिकायत दिग्विजय सिंह गुप्ता के खिलाफ प्राप्त हुआ जिसके उपरांत महाविद्यालय में आमसभा बुलायी गई। साथ ही शिक्षिका की शिकायत पर दिग्विजय सिंह गुप्ता का महाविद्यालय में आकर अवैध रूप से बैठना व संस्था को मनमाने ढंग से संचालन करने का दौर जारी रखना मेरे विरोध करने पर मुझे अनुशासन हीनत का पत्र दिए साथ ही मुझे संस्था छोड़ने के लिए प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से धमकी भी दिया गया। जब मैंने बात मानने से इंकार किया तो मुझे झुठे गंभीर आरोप का हवाला देते हुए बिना कार्यकारिणी बैठक के मुझे सचिव जैसे अहम पद से निलंबित कर दिया गया। उसके बाद भी मेरे व मेरे सभी मित्रगणों के माध्यम से सचिव पद से इस्तीफा देने के लिए भरसक प्रयास किया गया। साथ ही दिग्विजय सिंह गुप्ता व राघवेन्द्र सिंह गुप्ता मेरे सामाजिक व राजनैतिक छवी को खराब करने की धमकी भी दी गई। जब मैंने नियमानुसार कार्यकारिणी की बैठक 15 फरवरी को रखी तो उन्होंने बैठक में अड़चने पैदा कर दिया। साथ ही दिग्विजय सिंह गुप्ता व उनके घर के स्टाफ द्वारा असामाजिक तत्वों की धमकी भी मुझे मिली है व दिग्विजय सिंह गुप्ता मेरे चरित्र पर भी परस्पर अनैतिक रूप से व प्रहार कर रहे है। इसलिए आज मैंने 21 फरवरी को अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक से इस विषय पर चर्चा कर उन्हें इस मामले में एक जांच कमेटी गठित कर निष्पक्ष कार्यवाही की अपील की है। 
भुवनेश कुमार साहू ने बताया कि राघवेन्द्र सिंह गुप्ता व दिग्विजय सिंह गुप्ता पर पहले भी महिलाओं के प्रताड़ना विषयों में कई गंभीर आरोप लगे है जिसके चलते सन 2008 में छ.ग. राज्य महिला आयोग में उनकी पेशी भी हुई थी। साथ ही सिर्फ एक पत्र व्यवहार के लिए राघवेन्द्र सिंह गुप्ता ने मेरे दुर्ग के पैतृक निवास स्थान में महाविद्यालय की तीन वरिष्ठ शिक्षिकाओं को व दो महाविद्यालय कर्मचारियों को भेजा गया। आर्य समाज की सभ्यता नहीं है किसी के भी घर की बहू-बेटी को अनैतिक रूप से मात्र एक पत्र व्यवहार के लिए समिति सचिव के घर भेजना कहा की मर्यादा है।