भिलाई में सुबह-सुबह परिजनों ने किया DPS स्कूल का घेराव, वी वांट जस्टिस के लगाए नारे
भिलाई। शुक्रवार को DPS दिल्ली पब्लिक स्कूल रिसाली प्रबंधन के खिलाफ सैकड़ों पेरेंट्स एकजुट हुए और स्कूल का घेराव करते हुए जमकर नारेबाजी की। पेरेंट्स के द्वारा अध्यनरत बच्चों की सुरक्षा सहित कुछ अन्य मुद्दों को लेकर यह प्रदर्शन किया गया। सैकड़ों पेरेंट्स के साथ कुछ कांग्रेसी पार्षद और नेता भी शामिल हुए।
दरअसल, अभिभावकों ने एक 12 साल की बच्ची के साथ स्कूल में यौन शोषण का आरोप लगाया है। बता दें कि स्कूल के टीचर पर बच्ची के साथ अश्लील हरकत करने का आरोप लगा है, जिसके बाद से शुक्रवार सुबह स्कूल के सामने प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन ने कार्रवाई करने के बजाय केस दबा दिया है।
इस मामले पर प्रिंसिपल का कहना है कि किसी को एडमिशन नहीं देने पर यह हंगामा हुआ है। प्रिंसिपल का कहना है कि एक अधिकारी के बच्चे को एडमिशन नहीं दिया था।
इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर सुखनंदन राठौर पुलिस बल के साथ उपस्थित रहे। वी वांट जस्टिस के नारे के साथ सभी पेरेंट्स स्कूल में अध्यनरत बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूल के प्राचार्य प्रशांत वशिष्ठ के समक्ष सवाल उठाते रहे।
गौरतलब है कि डीपीएस स्कूल में अध्यनरत छात्र- छात्राओं के पालक आज सुबह भिलाई निवास के समक्ष एकत्रित हुए और यहां से संगठित होकर DPS रिसाली स्कूल के मुख्य द्वार के समक्ष पहुंचे। स्कूल में तैनात सुरक्षाकर्मियों के द्वारा भारी संख्या में आए हुए पेरेंट्स को देखकर अंदर जाने से रोका गया। तब पेरेंट्स ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरु कर दी। पेरेंट्स के आक्रोश को देखने के बाद स्कूल प्रबंधन द्वारा उन्हें स्कूल परिसर के अंदर आने की अनुमति दी गई।
स्कूल के भीतर पहुंचते ही पेरेंट्स द्वारा नारेबाजी करते हुए स्कूल के प्राचार्य प्रशांत वशिष्ठ के साथ अध्यनरत बच्चों की सुरक्षा को लेकर के चर्चा की मांग की गई। काफी इंतजार के बाद सैकड़ो की संख्या में एकत्रित पेरेंट्स के समक्ष प्राचार्य प्रशांत वशिष्ठ आए और वह चर्चा के लिए तैयार हुए। पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में स्कूल प्रबंधन एवं पेरेंट्स दोनों ही पक्षों के मध्य चर्चा जारी है।
गौरतलब हो कि एक माह पूर्व डीपीएस मरोदा प्रायमरी स्कूल में एक बच्ची के साथ हुई घटना का उल्लेख किया गया। इस पूरे मामले में स्कूल प्रबंधन के द्वारा किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं किए जाने का आरोप भी लगाया गया।
इस घटना में पीड़ित बच्ची को न्याय नहीं मिलने का उल्लेख किया गया है। इसी घटना के संदर्भ को लेकर के सभी पेरेंट्स अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर लगातार स्कूल प्रबंधन के समक्ष प्रश्न खड़े कर रहे हैं। दोनों ही पक्षों के मध्य चर्चा जारी है।