भूपेश बघेल के “स्लीपर सेल” वाले बयान पर नेताओं ने खोला मोर्चा

अरुण सिंह सिसोदिया ने निर्वाचन आयोग को लिखा पत्र

भूपेश बघेल के “स्लीपर सेल” वाले बयान पर  नेताओं ने खोला मोर्चा

भिलाई। राजनांदगांव सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार भूपेश बघेल की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक तरफ जहां राजनांदगांव में उनके खिलाफ कांग्रेस का एक धड़ा विरोध में आ खड़ा हुआ है तो वहीं दूसरी ओर उनके ही पार्टी के नेताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया हैं। 

प्रदेश कांग्रेस कमेटी छत्तीसगढ़ के पूर्व प्रदेश महासचिव अरुण सिसोदिया जिन्होंने पिछले दिनों संगठन के भीतर लाखों रुपये के गड़बड़ी के आरोप लगा कर सनसनी मचा दी थी। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर फिर बड़ा आरोप लगाया हैं। गौरतलब है कि अरुण सिंह सिसोदिया ने निर्वाचन आयोग को दो पन्नो का खत लिखा हैं। उन्होंने दावा किया हैं कि भूपेश बघेल का “स्लीपर सेल” वाला बयान चुनाव आयोग के आदर्श आचार संहिता का खुला उल्लंघन हैं। ऐसे में उनपर विधिवत कार्रवाई होनी चाहिए।

शिकायत में अरुण सिंह सिसोदिया ने कहा कि लोकसभा राजनांदगांव उम्मीदवार भूपेश बघेल द्वारा आर्दश आचार संहिता का उल्लंघन कर आपसी नफरत पैदा करने वाला (स्लीपर सेल) कार्यकर्ताओं के संबंध मे बयान सार्वजनिक रूप से दिये जाने पर आचार संहिता का उल्लंघन का उल्लंघन है। इसपर कार्यवाही होनी चाहिए।


श्री सिसोदिया ने चुनाव आयोग से कहा कि छ.ग. में लोकसभा चुनाव के लिये आर्दश आचार सहिता लागू हैं जिसमें उम्मीदवार जो कि विभिन्न राजनैतिक दलो से संबंधित होते है उनके लिये संहिता निर्धारित हैं किंतु लोकसभा राजनांदगांव काग्रेस उम्मीदवार के द्वारा दिनांक 20.03.2024 को राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक मिडिया में यह सामचार प्रसारित किया गया जिसमें राजनांदगांव लोकसभा से काग्रेस उम्मीदवार के द्वारा अपने बयान में अपने ही पार्टी कागेंस के कार्यकार्ताओं को (स्लीपर सेल) अर्थात् गुर्गों जासूसों या आतंकवादियों का एक समूह है, जो लक्षित समुदाय के बीच गुप्त रूप से रहकर निर्देशों या कार्यवाही करने का अवसर की प्रतीक्षा में रहता है।

चूकिं में भी काग्रेस संगठन से विगत लगभग 19 वर्षों से कार्यरत् हूं इसके पूर्व में भारतीय सेना में सेना कार्यरत् रह देश सेवा करता रहा हूं भूपेश बघेल के उपरोक्त (स्लीपर सेल) वाले कथन से पार्टी के आम कार्यकर्ता व खास लोगों के बीच नफरत पैदा करने की कोशिश की गई है, उपरोक्त नफरत को (स्लीपर सेल) के शब्दों से सबोधित किया गया जबकि उपरोक्त शब्द का प्रयोग (आतंकवादी व देश विरोधी) तत्वों के द्वारा समाज के भीतर रहकर ही अपनी गैर कानूनी व समाज को विघटित करने की गतिविधियों को संचालित करने वाले विघ्वसंक लोगों के विरूद्व उपयोग किया जाता है भूपेश बघेल (लोकसभा प्रत्याशी राजनांदगांव) के द्वारा उपरोक्त बयान उस दौरान दिया है तब आचार संहिता लागू है उपरोक्त परिस्थिति में राजनांदगांव उम्मीदवार के उपरोक्त नफरती बयान देकर समाज में अलगाव नफरत-घृणा, भय उत्पन्न करते है, इसलिए अनावेदक के विरूद्ध कार्यवाही की जाए।