भारत सरकार ने जिस ऐप को किया है बैन, उसी का नक्सली कर रहें है इस्तेमाल
पीएलएफआई के एरिया कमांडर सूरज महतो की गिरफ्तारी के बाद हुआ खुलासा
रांची. भारत सरकार की टेलीकाम मिनिस्ट्री ने जिस ऐप को बैन किया है उसी ऐप का नक्सली धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं. इसी ऐप का इस्तेमाल फोन में करके नक्सली लगातार रंगदारी भी मांग रहे हैं जो वर्तमान में सुरक्षाबलों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. इस बात का खुलासा पीएलएफआई के एरिया कमांडर सूरज महतो की गिरफ्तारी के बाद हुआ.
पुलिसिया पूछताछ में पीएलएफआई के इस एरिया कमांडर ने बताया है कि वो इंटरनेट कॉल के लिए जंगी ऐप का इस्तेमाल कर रहा था और इसी ऐप के माध्यम से वो रंगदारी मांगता था, जिस कारण उसका लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रहा था. मामले को लेकर रांची एसएसपी ने कहा कि ये रंगदारी के लिए फोन में जिस ऐप का इस्तेमाल कर रहा था उससे इसके सोर्स का पता नहीं चल पाता था. रांची पुलिस इसे लेकर जल्द ही टेलीकॉम मिनिस्ट्री से भी संपर्क कर सकती है. ये भी जानकारी पुलिस को मिली है कि ये एप टेलीकाम मिनिस्ट्री के द्वारा बैन है, बावजूद इस ऐप का इस्तेमाल नक्सली कैसे कर रहे है इसकी भी जांच की जा रही है.
दअसल रांची पुलिस सूरज महतो उर्फ सूरज गोप की पिछले कई दिनों से तलाश कर रही थी. इसी सिलसिले में पिछले दिनों बुढ़मू थाना क्षेत्र में एक मुठभेड़ भी हुई लेकिन मौके से सूरज अपने साथियों के साथ भागने में कामयाब हुआ था, जिसके बाद रांची एसएसपी को एक गुप्त सूचना प्राप्त हुई और पुलिस ने सूरज महतो को गिरफ्तार किया. सूरज महतो पीएलएफआई का एरिया कमांडर है और उसके दस्ते के द्वारा हाल के दिनों रांची जिले के पिठौरिया थाना क्षेत्र स्थित एक क्रशर प्लांट में लगे वाहनों में आगजनी की घटना को भी अंजाम दिया गया था.
इसके साथ ही रांची और चतरा जिले में कुल 7 आपराधिक मामले दर्ज हैं जिसमे इंटरनेट कॉल कर व्यवसायियों से रंगदारी मांगने का भी आरोप इस एरिया कमांडर पर है. दरअसल इंटरनेट कॉल के जरिए व्यवसाइयों को कॉल कर उनसे रंगदारी मांगने में सूरज महतो का नाम इन दिनों काफी चर्चा में था. कई मामले पुलिस के समझ भी आए थे, जिसे लेकर रांची पुलिस सूरज की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही थी. इसी फेहरिस्त में सूरज की जानकारी पुलिस को मिली जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया.