शासकीय प्रक्रियाओं में सरलीकरण, सुगमता, पारदर्शिता और उत्तरदायी प्रशासन ही सुशासन का आधार - जितेन्द्र वर्मा
अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर सुशासन को लेकर भाजपा कार्यालय में परिचर्चा, कविताओं के द्वारा अटलजी को दी गई काव्यांजलि
दुर्ग। नागरिकों का व्यवस्था के प्रति विश्वास तभी बढ़ता है जब धरातल पर सुशासन दिखाई देता है। शासकीय प्रक्रिया में सरलीकरण, सुगमता, पारदर्शिता और उत्तरदायी प्रशासन सुशासन की असली कसौटी है। देश की वास्तविक प्रगति सुशासन से ही संभव है। उक्तायश की बातों को जिला भाजपा अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित परिचर्चा में कहा।
दुर्ग जिला भाजपा कार्यालय में अटलजी की जयंती पर सुशासन दिवस मनाया गया, जहां उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए गए और अटलजी की कविताओं पर महिला कवियित्रियों ने काव्यांजलि दी। भाजपा महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष दिव्या कलिहारी की अगुवाई में महिला साहित्यकारों एवं कवियित्रियों श्रीमती श्वेता उपाध्याय, श्रीमती माधवी माहेश्वरी, श्रीमती सीमा साहू का अभिनंदन जिला भाजपा अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा द्वारा किया गया।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा करते हुए जिला भाजपा अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा ने कहा कि देश के नागरिकों, भारतीय राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था का सुशासन शब्द से पहला परिचय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कराया। देश में सुशासन की स्थापना में अशिक्षा बड़ी बाधा है इसे समझकर सर्व शिक्षा अभियान के माध्यम से "स्कूल चले हम" की थीम पर निशुल्क स्कूली शिक्षा का प्रबंध सुशासन की दिशा में ठोस कदम था। उस समय कमजोर ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुशासन लाने के लिए चुनौती थी, जिसके पीछे ग्रामीण क्षेत्रों की खराब सड़कें बड़ा कारण थी, इसका निराकरण करते हुए गावों को शहरों से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, स्वर्णिम चतुर्भुज योजना जैसी योजनाओं को लेकर सुशासन की नींव रखी गई थी। आम लोगों के लिए मोबाइल फोन सेवा की कनेक्टिविटी लाकर उन्होंने सुशासन की दिशा में ऐसी पहल की कि आज जेब में रखा हर मोबाइल शासकीय योजना से जुड़ गया है, शासन को नागरिकों के नजदीक और नागरिकों को शासन के नजदीक मोबाइल के माध्यम से पंहुचाना सुशासन का ही एक उदाहरण है। छोटे राज्यों के माध्यम से वहां की जनता तक बेहतर ढंग से जनसुविधाएं पहुंचाई जा सकती है, यह अटलजी की सोच थी और इसी सोच से छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तराखंड जैसे छोटे राज्यों का जन्म हुआ, यह सुशासन ही है। गरीबों और वंचितों के लिए बनी नरेंद्र मोदी सरकार की योजनाएं सुशासन की दिशा में बड़ा कदम है, इन योजनाओं को जरूरतमंदों तक पहुंचाने में कांग्रेस की भ्रष्ट भूपेश सरकार ने रोक लगाकर सुशासन का अंत कर दिया था, इस सुशासनविरोधी सरकार को सत्ता से बाहर करने का यह सुपरिणाम है कि प्रदेश के 18 लाख गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना का सीधा लाभ सुशासन से मिलने जा रहा है।
कार्यक्रम प्रभारी एवं जिला भाजपा उपाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार पाध्ये ने कहा कि अटलजी अपने अपने अनुभवों के आधार पर कहा था कि सुशासन लाने की दिशा में भ्रष्टाचार बड़ी बाधा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी सोच काम किया कि सुशासन लाने के लिए भ्रष्टाचार पर नियंत्रण आवश्यक है। देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए ही ईडी और इनकम टैक्स जैसी एजेंसियां बनी थी लेकिन भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए उनका उपयोग कभी नहीं हुआ करता था, नौकरशाह और राजनेता अपना भ्रष्ट आचरण छोड़कर पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ काम करें, इस उद्देश्य से ईडी और इनकम टैक्स अपने पूरे देश में भ्रष्टाचार करने वालों पर गहरा आघात किया है यह सुशासन स्थापित करने की दिशा में ही उठाया गया कदम है। कानून का राज चले और अराजकता की समाप्ति हो, ये भी सुशासन का ही परिचायक है।
परिचर्चा का संचालन जिला भाजपा महामंत्री सुरेंद्र कौशिक ने किया एवं आभार प्रदर्शन जिला भाजपा उपाध्यक्ष दिलीप साहू ने किया। कार्यक्रम के अंत में जिला अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा ने कार्यकर्ताओं को शपथ दिलाई। इस अवसर पर प्रमुख रूप से जिला महामंत्री सुरेंद्र कौशिक, उपाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार पाध्ये, दिलीप साहू, अलका बाघमार, जिला मंत्री आशीष निमजे, पूर्व कैबिनेट मंत्री रमशिला साहू, अजय तिवारी, देवेंद्र चंदेल, चैनसुख भट्टड, पूर्व विधायक बालमुकुंद देवांगन, प्रीतपाल बेलचंदन, निलेश अग्रवाल, आयुषी पांडेय, प्रमोद नेमा, मीडिया प्रभारी राजा महोबिया, राकेश दुग्गड, रजनीश श्रीवास्तव, जितेन्द्र राजपूत, संतोष सोनी, विनय महोबिया, गणेश निर्मलकर, डा. सुनील साहू, सुनील अग्रवाल, विनायक ताम्रकार, चंद्रप्रकाश मांडले, रोमनाथ साहू, अनूप सोनी, अनूप गटागट, शिवेंद्र परिहार, उदयशंकर त्रिपाठी, मनमोहन शर्मा, मनोज शर्मा, अरुण सिंह, अश्वनी चंदेल, संजय बोहरा, राजीव अग्रवाल, प्रीति खरे, नीतू श्रीवास्तव, मंजू तिवारी, झरना वर्मा, जयश्री राजपूत, श्वेता ताम्रकार, प्रीति साहू, सुधा सिंह सेंगर, सरिता लांबा, ममता गुरुंग, अनुराधा गुरुंग, गीता गुप्ता, ईश्वर देवांगन, मलखान सिंह लोधी, गौतम वैद्य निरंकारी, अबीर गोयल, दीपक सिन्हा, अमर यादव, ज्ञानेश्वर ताम्रकार, इकराम कुरैशी, धर्मेंद्र देशमुख, राम अवतार साहू, भारतेंदु गौतम, विकास सेन, जाकिर खोखर, ऋतुराज पिपरिया, योगेश यादव, हेमंत गोयल, नितेश जैन सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।