नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे लेने वाली महिला प्रधान आरक्षक सेवा से बर्खास्त, दुर्ग पुलिस अधीक्षक ने की बड़ी कार्रवाई

भिलाई। नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे लेने और विभागीय जांच में सहयोग न करने पर महिला प्रधान आरक्षक मोनिका सोनी उर्फ मोनिका गुप्ता को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ पुलिस नियमावली के तहत की।
जानकारी के अनुसार प्रधान आरक्षक क्र. 942 मोनिका सोनी पर आरोप था कि उन्होंने अजय कुमार साहू की बेटी पलक साहू से नौकरी दिलाने के नाम पर रकम ली थी। शिकायत पर 28 अक्टूबर 2024 को विभागीय जांच शुरू हुई, जिसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पद्मश्री तंवर जांच अधिकारी और निरीक्षक श्रद्धा पाठक प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नियुक्त किए गए। 15 जुलाई 2025 को जांच रिपोर्ट सौंपी गई और 16 जुलाई को मोनिका सोनी को अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया। इसके बावजूद उन्होंने समय पर कोई अभ्यावेदन नहीं दिया। विभाग ने एक और अवसर देने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिलने पर कार्रवाई की।
जांच में आरोप सिद्ध होने पर, कार्य के प्रति लापरवाही और अनुशासनहीनता को गंभीर मानते हुए उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। आदेश में कहा गया कि उनका कृत्य पुलिस बल की गरिमा और शुचिता के विपरीत है, जिससे विभाग की छवि धूमिल हुई। उनकी निलंबन अवधि 22 अगस्त 2024 से 5 जून 2025 तक सेवा गणना में नहीं जोड़ी जाएगी। आदेश की प्रति पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज सहित संबंधित अधिकारियों को भेजी गई है। मोनिका सोनी 30 दिनों के भीतर इस आदेश के खिलाफ अपील कर सकती हैं।